भेद के पर्यायवाची शब्द
-
अज्ञात
जिसके बारे में पता न हो, बिना जाना हुआ, नामालूम, अपरिचित
-
अंतर
समान न होने की अवस्था या भाव, फ़र्क़, भेद, विभिन्नता, अलगाव, फेर
-
अंतस्तल
मन हृदय, चित्त
-
अनिर्णय
निर्णय का न होना, निर्णयहीनता, अनिश्चय, असमंजस, दुविधा
-
अनिश्चय
संदेह, निश्चय का अभाव, निश्चय न होने की स्थिति, असमंजस, दुविधा
-
अभाव
सत्ता या अस्तित्व के न होने की अवस्था या भाव, उपस्थित या विद्यमान न होने की अवस्था या भाव, असत्ता, अनस्तित्व, नेस्ती, अविद्यमानता, न होना
-
असमानता
समानता का अभाव
-
आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
-
आगे बढ़ना
किसी के आगे हो जाना या किसी सीमा आदि से आगे निकल जाना
-
कुहर
गड्ढा, गर्त
-
गूढ़ार्थ
अंदर छिपा हुआ अर्थ
-
गुण
किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह बात जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से पहचानी जाए, वह भाव जो किसी वस्तु के साथ लगा हुआ हो, धर्म, सिफ़त
- गुप्त
-
गोपनीय
छिपाने योग्य, छिपाने लायक, गोप्य, दूसरों के समक्ष प्रकट न करने योग्य
-
छेद
छेदन, काटने का काम
-
छेदन
काटने या आरपार चुभाने की क्रिया या भाव, काटकर अलग करने का काम, चीरफाड, क्रि॰ प्र॰—करना, —होना
-
छिद्र
छेद , सूराख
-
ढंग
क्रिया, प्रणाली, शैली, ढब, रीति, तोर, तरीका, जैसे,—(क) वोलने चालने ता ढंग, बैठने उठने का ढंग, (ख) जिस ढंग से तुम काम करते हो वह बहुत अच्छा हैं
-
दरार
वह खाली जगह जो किसी चीज के फटने पर लकीर के रूप में पड़ लाती है, शिगाफ
-
द्वेष
किसी के प्रति होने वाले विरोध, वैमनस्य, शत्रुता आदि के फलस्वरूप मन में रहने वाला ऐसा भाव, जिसके कारण मनुष्य उसका बनता या होता हुआ काम बिगाड़ देता है अथवा उसे हानि पहुंचाने का प्रयत्न करता है, चित्त को अप्रिय लगने की वृत्ति , चिढ़ , शत्रुता , वैर, मनमुटाव
-
निजी
'निज१'
-
पृथक्
भिन्न, अलग, जुदा
-
प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
-
प्रकार
भेद, क़िस्म
-
प्रच्छन्न
ढका हुआ , लपेटा हुआ
-
प्राण
वह वायु या हवा जो साँस के साथ अंदर जाती और बाहर निकलती है, वायु, हवा
-
फ़र्क़
भेद , अंतर , जैसे,—(क) इसमें और उसमें बड़ा फरक है , (ख) बात में फरक न पड़ने पावे , (ग) उन्हें अपने और पराए का फरक नहीं मालूम है
-
बिना
छोड़कर, बगैर, जैसे,—(क) आपके बिना तो यहाँ कोई काम ही न होगा, (ख) अब वे बिना किताब लिए नहीं मानेंगे
- बिल
- भ्रम
- मर्म
- रंध्र
-
रूप
किसी पदार्थ का वह गुण जिसका बोध द्रष्टा , को चक्षुरिंद्रिय द्बारा होता है , पदार्थ के वर्णो और आकृति का योग जिसका ज्ञान आँखों को होता है , शकल , सूरत , आकार
- रहस्य
-
लक्षण
किसी पदार्थ की वह विशेषता जिसके द्वारा वह पहचाना जाए, वे गुण आदि जो किसी पदार्थ में विशिष्ट रूप से हों और जिनके द्वारा सहज में उसका ज्ञान हो सके, चिह्न, निशान, आसार
-
लावण्य
लवण का धर्म या भाव, नमकपन,लवणत्व
-
वपा
चरबी, मेद
-
व्यतिरेक
अभाव
-
वैषम्य
विषम होने का भाव, विषमता
-
विकल्प
भ्रांति , भ्रम , धोखा
-
विदारण
बीच में से अलग करके दो या अधिक टुकड़े करना, फाड़ना
- वियोग
-
विवर
छिद्र, बिल
-
विषमता
विषम होने का भाव, असमानता
- शंका
-
श्रेष्ठता
उत्तमता
-
शैली
चाल, ढब, ढंग
-
शुषि
सूखना
-
संदेह
वह ज्ञान जो किसी पदार्थ की वास्तविकता के विषय में स्थिर न हो, किसी विषय में ठीक या निश्चित न होने वाला मत या विश्वास, मन की वह अवस्था जिसमें यह निश्चय नहीं होता कि यह चीज़ ऐसी ही है या और किसी प्रकार की, निश्चय का अभाव, अनिश्चयात्मक ज्ञान
-
सूराख़
छेद, छिद्र, मुख, मोखा, विवर, झिरी, मुँह
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा