चरित्र के पर्यायवाची शब्द
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अभिनय
दूसरे व्यक्तियों के भाषण तथा चेष्टा को कुछ काल के लिए धारण करना, नाटय-मुद्रा, स्वाँग, नक़ल
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आचरण
कोई कार्य आरंभ करके आगे बढ़ाना, अनुष्ठान
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आचार
सब्जी या फल को सुखाकर धूप में पकाते हुए तेल मशाला मिलाकर बनाया गया व्यंजन, नियम, आचरण, अनुष्ठान
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आनंद
हर्ष, प्रसन्नता, ख़ुशी, सुख, मोद, आह्लाद
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ईमान
ईमानदारी, छलकपटन करने की प्रवृत्ति, अच्छी नीयत
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उपक्रम
पोषित प्रतिष्ठान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, उद्यम
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उपनिषद्
वेद की शाखाओं के ब्राह्मणों के वे अंतिम भाग जिनमें ब्रह्मविद्या अर्थात् आत्मा, परमात्मा आदि का निरूपण रहता है, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण श्रुति धर्म ग्रंथ जिनमें ब्रह्म और आत्मा आदि के स्वभाव और संबंध का बहुत ही दार्शनिक और ज्ञानपूर्वक वर्णन है
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कर्तव्य
करने योग्य कार्य , करणीय कर्म , उचित कर्म , धर्म , फर्ज , जैसे,—बड़ों की सेवा करना छोटों का कर्तव्य है
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कृत्य
वह जो कुछ किया जाए, काम, कार्य, व्यवसाय
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्रिया-कलाप
शास्त्रानुसार किए जाने वाले कर्म, शास्त्र द्वारा निर्दिष्ट संस्कार और कर्म
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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खेला
खेल में प्रवृत्त या शामिल करना
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घटना
कोई बात जो अकस्मात हो जाय ; कोई अद्भुत बात
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चरित
गया हुआ, गत
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चलन
गति, भ्रमण
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चारित्र्य
चरित्र
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छद्मवेश
दूसरों को धोखा देने के लिए बनाया हुआ वेश, बदला हुआ वेश, कृत्रिम वेश, बनावटी परिधान, कपटवेश
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ढोंग
पाखंड , आडंबर
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दीन
धर्म, (दीन दुनिया में प्रयुक्त) कहा.दीन
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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नर्म
परिहास, हँसी ठट्ठा, दिल्लगी
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नाटक
ऊबड़-खाबड़ , विचित्र
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नैतिकता
नैतिक होने की अवस्था या भाव
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न्याय
उचित-अनुचित का विवेक, नीतिसंगत बात
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पद्धति
मार्ग ; कार्य प्रणाली ; परिपाटी ; ढंग ; पंक्ति
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परिपाटी
प्रचलित परम्परा, प्रथा, रूढ़ि
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प्रकरण
उत्पन्न करना , अस्तित्व में लाना
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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बात
सार्थक शब्द या वाक्य, किसी वृत्त या विषय को सूचित करने वाला शब्द या वाक्य, कथन, वचन, वाणी, बोल
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भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
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मंडल
चक्र के आकार का घेरा , किसी एक बिंदु से समान अंतर पर चारों ओर घूमी हुई परिधि , चक्कर , गोलाई , वृत्त
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मज़हब
धार्मिक पन्थ
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मत
मति, बुद्धि, निषेधवाचक शब्द, विचार
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मनोरंजन
मनोरंजक
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माया
लक्ष्मी, धन, सम्पत्ति।
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रीति
ढँङ्ग , तरीक़ा, प्रकार
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रुचि
एक प्रजापति जो रौज्य मनु के पिता थे
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लीला
किसी महापुरुष का चरित्र का स्वाँग भरना, लीला करना यथा रामलीला, रासलीला आदि, केवल मनोरंजन के लिये किया जाने वाला काम या व्यापार, क्रीड़ा, खेल, प्रेम का खिलवाड़, प्रेमविनोद, साहित्य में शृंगार के अन्तर्गत एक अभिनय जिसमें नायिका और नायक दोनों एक दूसरे के बोल
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वर्णन
चित्रण, रँगना
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वर्तुल
वृत्त या चक्र के आकार का, वृत्ताकार, गोल
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विचार
निर्णय, भावना, न्यायालय, का वादी प्रतिवादी के विषय में निश्चय
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विलास
हर्ष, आनंद, सुख, मनोरंजन,
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विषय
वह तत्व अथवा पदार्थ जिसका ग्रहण ज्ञानेंद्रियों द्वारा होता हो, जैसे —रूप, रस, गंध, स्पर्श और शब्द जिनका संबंध क्रमशः आँख, जिह्वा, नाक, त्वचा और कान से है
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वृत्त
बीता हुआ, गुज़रा हुआ
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वृत्तांत
वर्णन; हालचाल
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वृत्ति
जीविका , पेशा , जीवनोपाय
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व्यवहार
क्रिया, कार्य, काम
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शील
आचार-विचार, चरित्र, स्वभाव, प्रवृत्ति
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श्रृंगार चेष्टा
love/amorous gesture, indication of love through gestures
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