दीप के पर्यायवाची शब्द
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अक्षत
जो क्षत या खंडित न हुआ हो, अखंडित, जिसका भंजन न हुआ हो या जो टूटा-फूटा न हो, अभंजित, समूचा, साबुत, सर्वांग, संपूर्ण
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अर्घ्य
बहुमूल्य
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आचमन
जल पीना
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आचमनीयक
आचमन के योग्य
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आसन
आसन , बैठने का बिछावन
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उग्रगंध
एक पौधे का कंद जो मसाले के काम में आता है, लहसुन
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उग्रवीर्य
हींग
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केशर
'केसर'
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गंध
बास, महक, ख़ुशबू
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गृहिणी
घर को मालकिन
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घृत
आर्द्र किया हुआ, तर किया या सींचा हुआ, सिंचित
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चंदन
सुगनिधत लकड़ी, एक वृक्ष जिसमें हीर की लकड़ी अति सुगन्धित होती हैं
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चिराग़
दीपक
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जतु
वृक्ष में से निकलनेवाला गोंद, वृक्ष का निर्यास, गोंद
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जतुक
जितना, जितना सारा, जितने
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जरण
हींग
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तांबूल
पान
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दिया
'देना' क्रिया का सामान्य भूतकाल का एकवचन रूप
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दीपक
प्रकाश फैलाने वाला
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दीपिका
छोटा दीया, छोटा दीपक
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दीप्त
प्रकाशित, आलोकित
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धूप
लोबान का धूप या धुँआं, गंध, द्रव्य जलाकर निकाला हुआ धुँआ।
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नैवेद्य
देवता के निवेदन के लिए भोज्य द्रव्य, वह भोजन सामग्री जो देवता को चढ़ाई जाय, देवता को समर्पित भोज्य पदार्थ, भोग, प्रसाद, देव-बलि
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पत्र
चिट्ठी पहुँचओनिहार
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परिक्रमा
प्रदक्षिणा
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पाद्य
पद संबंधी, पैर संबंधी
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पिण्याक
तेल निकल जाने पर तिलहन की बची हुई सीठी
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पुजापा
पुजा की सामग्री
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पुष्प
पौधों में वह अंग जो गोल या लंबी पंखुड़ियों का बना होता है और जिसमें फल उत्पन्न करने की शक्ति होती है, पौधों का वह अवयव जो ऋतु-काल में उत्पन्न होता है, फूल, कुसुम
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प्रकाश
वह जिसके भीतर पड़कर चीजें दिखाई पड़ती हैं , वह जिसके द्वारा वस्तुओं का रूप नेत्रों को गोचर होता है , दीप्ति , आभा , आलोक , ज्योति , चमक , तेज
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प्रदीप
दीपक, दीप, दीया, चिराग़
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फल
परिणाम, निष्कर्ष, वृक्षों, बेलों, पौधों पर पैदा होने वाला फल जिसमें गूदा और बीज हो
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फूल
वृक्ष आदि के विकसित होने की क्रिया ; प्रसन्नता, हर्ष
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भूतारि
हींग
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भेदन
भेदने वाला, छेदने वाला
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मधुपर्क
वैदिक कालक एक लेहा जे अतिथिकेँ सभसँ पहिने देल जाइत छल, मुह मिठाएब
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मधुरा
मदरास प्रांत का एक प्राचीन नगर जो अब मडुरा या मदूरा कहलाता है
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मशाल
एक प्रकार की मोटी बत्ती जिसके नीचे पकड़ने के लिए काठ का एक दस्ता लगा रहता है और जो हाथ में लेकर प्रकाश के लिए जलाई जाती है, डंडे में चिथड़े लपेट कर बनाई हुई जलाने की बहुत मोटी बत्ती जिसे हाथ में लेकर चलते हैं
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यज्ञोपवीत
यज्ञसूत्र, जनौ
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रक्षोघ्न
हींग
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रामठ
बृहत्संहिता के अनुसार एक देश जो पश्चिम में है
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रोली
दे. 'रोरी'
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वंदन
भक्ति के नौ भेदों में से एक जिसमें उपासक अपने उपास्य देव का गुणगान करता है, नम्रतापूर्वक की जाने वाली वंदना, स्तुति, प्रार्थना, पूजन
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वंदना
देखिए : 'बंदना'
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शूलद्विट्
हींग, हिंगु
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षोडश पूजन
षोडशोपचार
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षोडशोपचार
पूजन के पूर्ण अंग जो सोलह माने गए हैं
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सूपधूपन
हींग
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सूपांग
हींग, हिंगु
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स्नान
शरीर को स्वच्छ करने अथवा पवित्र करने हेतु शरीर को जल से धोने की क्रिया
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