दिखावा के पर्यायवाची शब्द
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अद्भुत कार्य
कोई ऐसा आश्चर्यजनक या अद्भुत कार्य या व्यापार जो साधारणतः देखने में न आता हो और जो अलौकिक और असंभव-सा समझा जाता हो
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अनुकृति
समान आचरण, देखा देखी कार्य, नकल, अनुकरण
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
- आडंबर
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आराम
आनंद प्रदान करने वाला स्थल, बाग़, उपवन, फुलवारी
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आवेश
व्याप्ति, संचार
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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खेल
केवल चित्त की उमंग से अथवा मन बहलाने या व्यायाम के लिये इधर उधर उछल कुद और दौड़ धुप या कोई साधारण मनोरंजक कृत्य, जिसमें कभी हार जीत भी होती है, जैसे,—आँख मिचौली, कबड्डी, ताश, गेंद शतरंज आदि, क्रि॰ प्र॰—खेलना
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खेला
क्रीड़ा, खेल, मनबहलाव
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खिलवाड़
तुच्छ अथवा बहुत ही साधारण रूप से किया हुआ व्यवहार
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घमंड
अपने आपको औरों से बहुत अधिक योग्य, समर्थ या बढ़कर समझने का भाव, अभिमान, ग़ुरूर, अहंकार, गर्व, दर्प, दंभ
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छद्म
छिपाव, गोपन
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छल
वास्तविक रूप को छिपाने का कार्य जिससे कोई वस्तु या कोई बात और की और देख पड़े , वह व्यवहार जो दूसरी को धोखा देने या बहलाने के लिये किया जाता है
- ठाट
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ढकोसला
ऐसा आयोजन जिससे लोगों को धोखा हो, धोखा देने का या मतलब साधने का ढंग, आडंबर, मिथ्या जाल, कपट व्यवहार, पाखंड
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ढंग
क्रिया, प्रणाली, शैली, ढब, रीति, तोर, तरीका, जैसे,—(क) वोलने चालने ता ढंग, बैठने उठने का ढंग, (ख) जिस ढंग से तुम काम करते हो वह बहुत अच्छा हैं
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ढाँचा
किसी वस्तु की रचना की प्रारंभिक अवस्था में स्थूल रूप से संयोजित अंगों की समष्टि, किसी चीज को बनाने के पहले परस्पर जोड़ जाड़कर बैठाए हुए उसके भिन्न भिन्न भाग जिनसे उस वस्तु का कुछ आकार खड़ा हो जाता है, ठाट, टट्टर, डौल, जैसे,— अभी तो इस पालकी का ढाँचा खड़ा हुआ है, तख्ते आदि नहीं जड़े गए है, क्रि॰ प्र॰—खड़ा करना, —बनाना
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ढोंग
वह आचरण, काम आदि जिसमें ऊपरी बनावट का भाव रहता है
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तड़क-भड़क
बनावटी आभा या दीप्ति
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तमाशा
वह द्दश्य जिसे देखने से मनोरंजन हो, चित्त को प्रसन्न करनेवाला द्दश्य, जैसे, मेला, थिएटर, नाच, आतिशबाजी आदि
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नाटक
नाट्य या अभिनय करने वाला , नट, अभिनय करने या स्वाँग दिखाने वाला पुरुष
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प्रतारण
वंचना, ठगी
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प्रदर्शन
दिखलाने का काम
- प्रदर्शनप्रियता
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प्रवंचना
ठगने का काम , छलना, ठगपना, धुर्तता
- पाखंड
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बनावट
बनने या बनाने का भाव, रचना, गढ़त, जैसे,—इन दोनों कुरसियों की बनावट में बहुत अंतर है
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भेरी
युद्ध के समय बजाया जानेवाला एक प्रकार का वाद्य
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युद्ध
लड़ाई , संग्राम , रण
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रचना
कोई चीज़ रचने अर्थात् बनाने की क्रिया या भाव, बनावट, निर्माण
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रूप
किसी पदार्थ का वह गुण जिसका बोध द्रष्टा , को चक्षुरिंद्रिय द्बारा होता है , पदार्थ के वर्णो और आकृति का योग जिसका ज्ञान आँखों को होता है , शकल , सूरत , आकार
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रूपक
मूर्ति, प्रतिकृति
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रोष
चित्त का वह उग्र भाव जो कष्ट या हानि पहुँचाने वाले अथवा अनुचित काम करने वाले के प्रति होता है
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लक्ष
एक लाख, सौ हजार
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लाख
सौ हजार की संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है, —१,००,
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शृंगार
साहित्य शास्त्र के नौ रसों में पहला रस
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शत
दस का दस गुना, सौ
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शैली
चाल, ढब, ढंग
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शान
तड़क भड़क , ठाट बाट , सजावट , जैसे,—कल बड़ी शान से सवारी निकली थी
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सजावट
सज्जित होने का भाव या धर्म
- स्वाँग
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सहस्त्र
दस सौ की संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है-1000
- हेकड़ी
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