गो के पर्यायवाची शब्द
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अक्ष
खेलने का पासा
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अक्षज
हीरा
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अक्षि
आँख, नेत्र, वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप वर्ण विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है
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अघ्न्या
गौ, गाय
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अचला
जो न चले, स्थिर, ठहरी हुई
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अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
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अजया
बकरी
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अजा
जिसका जन्म न हुआ हो, जो उत्पन्न न की गई हो, जन्मरहित
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अत्रेय
आत्रेय
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अत्रिज
अत्रि के पुत्र- चंद्रमा, दत्तात्रेय तथा दुर्वासा
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अदिति
असीम होने की अवस्था या भाव, असीमता
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अदितिसुत
देवता
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अधोगति
पतन, गिराव, गिरावट, उतार, महत्त्व या प्रतिष्ठा मान आदि न रह जाने की स्थिति या भाव
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अनड्वान
नासमझ, अनविज्ञ, न जानने वाला, अनपढ़
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अनंता
जिसका अंत या पारावार न हो, जिसकी सीमा न हो
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अन्न
खाद्य पदार्थ
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अंबु
आम, रसाल
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अंबक
वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप, वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है, आँख, नेत्र
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अब्धिज
समुद्र से पैदा हुई वस्तु
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अंबरमणि
आकाश के मणि अर्थात सूर्य, प्रभाकर
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अंबरीष
वह मिट्टी का बरतन जिसमें लोग गर्म बालू डालकर दाना भूनते हैं, भाड़
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अंभ
जल, पानी
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अभेद्य
जिसका भेदन वा छेदन न हो सके या संभव न हो, जिसके भीतर कोई चीज़ घुस न सके, जिसका विभाग न हो सके
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अभ्रपुष्प
बेंत, बेंत का डंठल जिसका उपयोग छड़ी के रूप में किया जाता है
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अभ्रोत्थ
वज्र
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अंभोज
कमल, पद्म
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अमृत
वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है, पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक, सुधा, पीयूष, निर्जर
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अमृतरश्मि
चंद्रमा
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अमरलोक
इंद्रपुरी, देवलोक, स्वर्ग, हिंदुओं के अनुसार सात लोकों में से वह जिसमें पुण्य और सत्कर्म करने वालों की आत्माएँ जाकर निवास करती हैं
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अमरावती
देवताओं की पुरी, इंद्रपुरी, सुरपुरी
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अमीकर
पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह
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अयुग्मवाह
हमारे सौर जगत का वह सबसे बड़ा और ज्वलंत तारा जिससे सब ग्रहों को गर्मी और प्रकाश मिलता है
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अर्क
सूर्य
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अर्जुनी
बाहुदा या करतोया नदी जो हिमालय से निकलकर गंगा मिलती हैं
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अरुण
लाल रंग का, लाल, रक्त
- अर्ण
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अर्णव
समुद्र
- अरणि
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अरणी
अरणि
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अर्यमा
सूर्य
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अर्वा
घोड़ा, अश्व
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अरविंदबंधु
हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता
- अवनि
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अव्यय
जिसमें किसी प्रकार का विकार न हो, जो विकार को प्राप्त न हो, सदा एकरस रहने वाला, अक्षय
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अवरव्रत
सूर्य
- अवरोह
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अवि
सूर्य
- अंशु
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अशनि
आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है, विद्युत, तड़ित, वज्र, चपला, बिजली
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