गुण के पर्यायवाची शब्द
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अच्छाई
अच्छापन, उत्तमता, श्रेष्ठता, सुंदरता, सुधराई
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अनंता
जिसका अंत या पारावार न हो, जिसकी सीमा न हो
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अमृता
गुर्च
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अमरा
दूब
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अमरी
देवता की स्त्री, देवकन्या, देवपत्नी
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
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आह्वान
किसी कार्य में सम्मिलित होने के लिए किसी को आदरपूर्वक कहने या बुलाने की क्रिया, बुलाना, बुलावा, पुकार
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इल्म
विद्या , ज्ञान , जानकारी
- कथन
- करतब
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कला
नकलबाजी
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कारीगरी
अच्छे अच्छे काम बनाने की कला, निर्माणकला
- कीर्तन
- कीर्ति
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कौशल
कुशलता, चतुहाई, निपुणता
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ख़ूबी
भलाई, अच्छाई, अच्छापन, उम्दगी
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ख्याति
कर्दम ऋषि एवं देवहूति की नौ कन्याओं में से एक
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ख़ासियत
स्वभाव, प्रकृति, आदत
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गुणवाचक
जो गुण को प्रकट करे, जो किसी बात या चीज़ की विशेषता या गुण दर्शाए
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गुणा
गणित की एक क्रिया, एक अंक पर दूसरे अंक का ऐसा प्रयोग जिसके द्वारा वही फल निकलता है जो पहले अंक को उतनी ही बार अलग—अलग रखकर जोड़ने से निकलता है जितना दूसरा अंक है, जरब, क्रि॰ प्र॰—करना, —लगाना, —सीखना
- ग्रंथिका
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गौरी
पार्वती, आठ वर्ष की कन्या
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घटी
साठ पल या चौबीस मिनट का समय, 24 मिनट का समय, घड़ी, मुहूर्त
- चित्रा
- चिल्ला
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ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
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जया
एक देवी जिन्होंने अनेक असुरों का वध किया और जो आदि शक्ति मानी जाती हैं, दुर्गा का एक नाम
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ज्या
धनुष की डोरी
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जेवरी
रस्सी
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झाँवर
वह नीची भूमि जिसमें वर्षाकाल में जल भर लाता है और जिसमें मोटा अन्न जमता है, डावर
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डोर
सूत आदि का बटा हुआ पतला मज़बूत धागा; तागा; डोरा
- डोरी
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तंतु
तंत्र
- ताँत
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तिक्तपर्वा
दुध
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दक्षता
निपुणता, योग्यता, कमाल, कुशलता, किसी काम आदि में प्रवीण होने की अवस्था गुण या भाव
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दूब
एक प्रकार की प्रसिद्ध घास जो पश्चिमी पंजाव के थोड़े से बलुए भाग को छोडकर समस्त भारत में और पाहाड़ों पर आठ हजार फुट की ऊँचाई तक बहुत अधिकता से होती है , धोबी घास , हरियाली
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दूर्वा
दूब नाम की घास
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दामनी
रस्सी, रज्जु
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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धागा
रुई, रेशम आदि का वह लंबा रूप जो बटने से तैयार होता है, बटा हुआ सूत , डोरा , तागा
- नंदा
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नूपुर
पैर में पहनने का स्त्रियों का एक गहना, पैंजनी, घुँघुरू
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निपुणता
दक्षता, कुशलता
- पुकार
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पनच
धनुष का रोंदा या डोरी, प्रत्यंचा
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रकार
भेद, क़िस्म
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प्रचंडा
सफेद दूब जिसके फूल सफेद होते हैं
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प्रत्यंचा
'प्रत्यंच'
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