हरि के पर्यायवाची शब्द
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अग
न चलने वाला स्थावर
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अंगति
अग्निहोत्री
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अच्युत
जो गिरा हुआ न हो
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अचल
जो चल न सके या जिसमें गति न हो, जो न चले, स्थिर, जो न हिले, ठहरा हुआ, निश्चल
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अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
- अजगर
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अंडज
अडे से उत्पन्न होनेवाले जीव जैसे सर्प, पक्षी, मछली, कछुआ इत्यादि, ये चार प्रकार के जीवों में से हैं
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अंतक
मृत्यु जो प्राणियों के जीवन का अंत करती है मौत
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अतिदेव
श्रेष्ठ या देवता अर्थात् विष्णु, शिव
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अद्रि
पर्वत, पहाड़
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अधिप
मालिक
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अधिपति
किसी कार्य, विभाग, विषय आदि का प्रधान अधिकारी, अफ़सर, नायक, मुखिया, हाकिम, सरदार
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अधोक्षज
विष्णु का एक नाम, कृष्ण का एक नाम
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अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
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अंबुजाक्ष
कमल के समान नेत्रवाला, कमलनयन
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अंबरमणि
आकाश के मणि अर्थात सूर्य, प्रभाकर
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अंबरीष
वह मिट्टी का बरतन जिसमें लोग गर्म बालू डालकर दाना भूनते हैं, भाड़
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अमृततप
स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं
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अमद
जिसे दुःख या कष्ट पहुँचा हो, दुःखी
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अर्क
सूर्य
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अर्यमा
सूर्य
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अर्वा
घोड़ा, अश्व
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अरविंदनयन
कमलनयन, विष्णु
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अवि
सूर्य
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अंशुमाली
सूर्य
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अश्व
घोड़ा, तुरंग
- अहार्य
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अहि
साँप
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आखंडल
इंद्र
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आत्मयोनि
ब्रह्मा
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आदित्य
अदिति के पुत्र
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आशु
बरसात में होनेवाला एक धान, सावन भादों में होनेवाला, ब्रीहि, पाटल, आउस, साठी
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आशीविष
वह जिसके दाँतों में विष हो
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इंद्र
जो किसी भी क्षेत्र का प्रमुख हो
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इंद्रावरज
विष्णु, उपेंद्र
- ईश्वर
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ईशिता
आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक जिससे साधक सब पर शासन कर सकता है
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उच्चैश्रवा
इंद्र का सफ़ेद घोड़ा जिसके खड़े-खड़े कान और सात मुँह थे, (पुराण) समुद्रमंथन के समय निकले रत्नों में से एक वह घोड़ा जो सात मुँहों और ऊँचे या खड़े कानों वाला था तथा जिसे इंद्र ने अपने पास रखा था
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उपेंद्र
इंद्र के छोटे भाई, वामन या विष्णु भगवान्, कृष्ण
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उरग
साँप, सर्प; नाग
- ऋतु
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ऋभुक्ष
इंद्र
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औडंबर
औदुंबर
- कंक
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कंचुकी
अँगिया, चोली
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कूट
पहाड़ की ऊँची चोटी
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कटकी
पहाड़
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कुट्टार
कंबल, ओढ़ने का ऊनी वस्त्र
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कटुरव
मेंढक, दादुर
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कंठीरव
सिंह
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