जगत्प्राण के पर्यायवाची शब्द
-
अनिल
वायु
-
अपान
दस वा पाँच प्राणों में से एक
-
आशुग
प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं, वायु
-
उदान
ऊपर की ओर साँस खींचना
-
खग
पक्षी, चिड़िया
-
खश्वास
वायु, हवा
-
गंधवह
वायु
-
चंचल
अस्थिर चित्त वाला शरारती
-
धूनन
हवा
-
नभस्वान्
वायु, हवा
-
पवन
वायु
-
पवमान
पवन, वायु, समीर
-
पृषदश्व
एक पौराणिक राजर्षि
-
प्रधावन
वायु, हवा
-
प्रभंजन
तेज बिहारि
-
प्राण
वह वायु या हवा जो साँस के साथ अंदर जाती और बाहर निकलती है, वायु, हवा
-
बयार
हवा
-
मरुत्
वायु , हवा
-
महाबल
अत्यंत बलवान्, बहुत बड़ा ताकतवर, बहुत बड़ा शक्तिशाली
-
मातरिश्वा
अंतरिक्ष में चलनेवाला, पवन, वायु, हवा
-
मारुत
धोड़ो के पिछले पैरो की एक भौरि जो मनहुस समझी जाती है
-
मृगवाहन
वायु, पवन, प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं
-
वात
दे० 'वायु' ; बात , वार्ता
-
वाति
वायु
-
वायु
हवा, पवन
-
वाह
प्रशंसासूचक शब्द , धन्य , जैसे,—वाह ! यह तुम्हारा ही काम था
-
विहग
पक्षी
-
व्यान
शरीर में रहनेवाली पाँच वायुओं में से एक वायु जो सारे शरीर में संचार करनेवाली मानी जाती है
-
श्वसन
साँस लेना, दम लेना
-
सदागति
वायु, पवन
-
समान
जो रूप, गुण, मान, मूल्य, महत्व आदि में एक से हों, जिनमें परस्पर कोई अंतर न हो, सम, बराबर, सदृश, तुल्य, एकरूप
-
समीर
प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं, वायु, हवा, पवन
-
समीरण
गतिशील या प्रेरित करने वाला
-
सर्वग
पानी, जल
-
सार
वास्तविक,आवश्यक, सर्वोत्तम,ठोस, सच्चा, वलवान
-
स्पंदन
फड़कब, मन्द-मन्द बेरि-बेरि कम्पन, संचार
-
स्पर्शन
छूने वाला, स्पर्श करने वाला
-
स्वकंपन
वायु, हवा
-
हवा
वायु, प्राण, वायु।
-
हवा
वह सूक्ष्म प्रवाह रूप पदार्थ जो भूमंडल को चारों ओर से घेरे हुए है और जो प्राणियों के जीवन के लिये सब से अधिक आवश्यक है , वायु , पवन , विशेष—दे॰ 'वायु' , क्रि॰ प्र॰—आना , —चलना , —बहना , यौ॰—हवाखोरी , हवाचक्की , हवागाड़ी = मोटर गाड़ी
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा