काला के पर्यायवाची शब्द
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अँधेरा
प्रकाश या उजाले के न होने की स्थिति या भाव, अंधकार, तम, तमस, तिमिर, प्रकाश का अभाव, उजाले का विलोम
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अंधकार
अन्धकार, अंधेरा
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अंधकारपूर्ण
अंधकार से भरा हुआ
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अश्वगंधा
एक झाड़ी जो एक से चार फुट ऊँची होती है तथा जिसकी जड़ दवा के काम में आती है, असगंध
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असगंध
एक पेड़ जिसकी छाल औषधि के काम आती है
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असित
अश्वेत , काला
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अस्पष्ट
जो स्पष्ट न हो
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कंबुका
अश्वगंधा नाम का वृक्ष
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कजरारा
काजलवाला, जिसमें काजल लगा हो, अंजनयुक्त
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कलंकित
जिसे कलंक लगा हों, कलंकी, लांछित, दोषयुक्त, बदनाम
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कलुषित
मलिन ; पापी
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कामरूपिणी
इच्छानुसार रूप धारण करने वाली, मायाविनी
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काली
कालिका।
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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कोकिल
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है, कोयल
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कौआ
कौओं की तरह काँव-काँव करना, व्यर्थ का शोर करना; स्वप्न में कुछ बड़- बड़ाना ; चकित होना
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गंदा
जिसमें मैल लगा हो, गंदगी से युक्त, मैला, मलिन
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गंधपत्री
अजमोदा
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चारटिका
नली नामक गंध-द्रव्य
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तिक्ता
कुटकी, कटुका
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तूणी
तरकश तीर रखने का काष्ठ पात्र जो धनुर्धर की पीठ पर लगा रहता है
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दूली
एक पौधा जिससे नील प्राप्त होता है, नील, नील का पेड़
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दूषित
जिसमें दोष हो, ख़राब, बुरा, दोषयुक्त, कलंकित, बेकार
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धुँधला
कुछ-कुछ काला, धुएँ के रंग का
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धूमिल
धूएँ के रंग का, ललाई लिए काला रंग का
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नाश
ध्वंश, पलायन, काम खराब होना
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नियति
निश्चित परिणति
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नील
एक वृक्ष जकर रससँ रञ्जक द्रव्य नील बनैत छल
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नीला
नीलम
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नीली
काले रंग की, नील के रंग की, काली, आसमानी
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परमात्मा
सर्वव्यापी आत्मा; विप जीवात्मा
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पीवरा
असगंध
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पुष्पा
कर्ण की राजधानी जो अंगदेश में थी, चंपा (आजकल के भागलपुर के पास)
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बादल
मेघ।
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भद्रा
घनिष्ठा आदि पाँच नक्षत्र, प्रत्येक पक् की द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी तिथियाँ; फलित ज्योतिष के अनुसार एक अशुभ योग जिसमें किया गया काम नष्ट हो जाता है, भदरा, भदवा, पंचक, पचखा; बाधा, अड़चन
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मलिन
जो स्वच्छ न हो या जिस पर मैल, धूल आदि हों, मलयुक्त , मैला , गँदला , स्वच्छ का उलटा
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मृत्यु
मरण
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मेघ
पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है, आकाश में घनीभुत जलवाष्प जिससे वर्षा होती है, बादल
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मेघवर्ण
श्याम वर्ण का, बादल के समान रंगवाला
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मेचक
घुघराले बाल
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मैला
दूसित जिस पर मैल जमी हो
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मोचा
केला
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यम
मृत्युदेव जे मुइलापर पापी दण्ड दैत छथि
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रंगपत्री
नीली वृक्ष
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रंजनी
संगीत में ऋषभ स्वर की तीन श्रुतियों में से दूसरी श्रुति
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राम
श्रीरामचन्द्र, परशुराम, बलराम, दम, तथ्य, हे राम, सत्य, शक्ति, आन्तरिक सत्य, शक्ति, आत्मशक्ति, शब्द से दुखोद्गार।
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वातघ्नी
शालपर्णी
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वासुदेव
वसुदेव-पुत्र श्रीकृष्ण
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वृंतिका
लघु वृंतक, छोटा डंठल
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शिति
श्वेत , सफेद
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