कांड के पर्यायवाची शब्द
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अंबु
आम, रसाल
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अंभ
जल, पानी
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अंश
भाग, टुकड़ा, खण्ड
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अक्षर
अकारादि वर्ण, हर्फ़, मनुष्य के मुख से निकली हूई ध्वनि को सूचित करने का संकेत या चिह्न
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अक्षित
क्षय न होने वाला, जिसका क्षय न हुआ हो
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अधोगति
पतन
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अध्याय
ग्रंथ, पुस्तक आदि का खंड या विभाग जिसमें किसी विषय या उसके विशेष अंग का विवेचन हो, ग्रंथविभाग
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अनिष्टकर
अनिष्ट करने वाला, अहितकारी, हानिकारक, अशुभकारक, जो कल्याण करने वाला न हो
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अनुभाग
किसी विभाग के अंतर्गत कोई छोटा विभाग
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अप
'आप' का संक्षिप्त रुप जो यौगिक शब्दों में आता है , जैसे—अपस्वार्थि , अपकाजी
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अमृत
जो मृत या मरा हुआ न हो, अर्थात् जीवित
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अर्ण
वर्ण , अक्षर
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आप
जल
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आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
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आशुग
प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं, वायु
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इरा
गुस्सा, अभिमान, स्वाभिमान
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इषु
बाण
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उत्सर्ग
त्याग , छोड़ना
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उद्गम
उत्पत्ति स्थान ; स्थान जहाँ से नदी निकलती है
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ऊर्ज
बलवान, शक्तिमान, बली
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ऋत
उंछवृत्ति
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ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
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ओज
कृपणता, किफायतदारी, कार्पण्य, जैसे, —वह बहुत ओज से खर्च करता है
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औलाद
संतान, पुत्र-पुत्री; वंश परम्परा, किसी के बाद की पीढ़ी
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क
क्यों, कहो
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कं
जल ; अग्नि ; मस्तक
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कंधा
मनुष्य के शरीर का वह भाग जो गले और मोढ़े के बीच में है, कंधा
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कंबल
ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा जिसे लोग ओढ़ते हैं, कमरी, कमली
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कबंध
पीपा , कंडल
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कमल
कमल, जलज।
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कर्बुर
सोना, स्वर्ण
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कलंब
शर, बाण
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कीलाल
अमृत , जल
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क़ुदरत
वह मूल शक्ति जिसने अनेक रूपात्मक जगत का विकास किया है और जिसका रूप दृष्यों में दिखाई देता है, प्रकृति
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कुलीनक
उच्च वंश में उत्पन्न, कुलीन
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कुश
कड़ी और नुकीली पत्तियों वाली एक प्रसिद्ध घास जिसकी पत्तियाँ हिंदुओं की पूजा, यज्ञ आदि में काम आती हैं; दर्भ, काँस की तरह की एक पवित्र और प्रसिद्ध घास , डाभ , दर्भ
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कोदंड
धनुष ; धनु-राशि ; भौंह ; एक प्राचीन देश
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क्षत्र
बल; राजपूत; राष्ट्र
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क्षर
जिसका क्षरण होता हो या होने को हो, नाशवान्, नश्वर, नष्ट होनेवाला
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क्षीर
दूध
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क्षोद
चूर्ण, बुकनी, सफूफ
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खग
पक्षी, चिड़िया
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गंभीर
नीच तल बाला
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गति
चाल, वेग, दुगति, हालत
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गमन
चालि, गति
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गहन
गंभीर, इतना या ऐसा गहरा जिसकी थाह जल्दी न मिले (जलाशय), गहरा, अथाह
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गाँठ
रस्सी, डोरी, तागे आदि में पड़ी हुई गुत्थी की उलझन जो खींचकर कड़ी और दृढ़ हो जाती है, वह कड़ा उभार जो तागे, रस्सी, डोरी आदि में उनके छोरों को कई फेरे लपेटकर या नीचे ऊपर निकालकर खींचने से बन जाता है, गिरह, ग्रंथि
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गुणी
गुणवाला, जिसमें कोई गुण हो, जो किसी कला या विद्या में निपुण हो
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गो
गाय।
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