कण के पर्यायवाची शब्द
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अणु
द्वयणु क से सूक्ष्म, परमाणु से बड़ा कण जिसका बिना किसी विशेष यंत्र के खंड नहीं किया जा सकता
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अनुभाग
किसी विभाग के अंतर्गत कोई छोटा विभाग
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अल्प
थोड़ा, कम, न्यून, कुछ, किंचित
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अल्पांश
थोड़ा अंश, कुछ भाग, किसी वस्तु, स्थान, अवधि आदि का थोड़ा या छोटा भाग
- अंश
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उष्णा
गरमी
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कुछ
थोड़ी संख्या या मात्रा का , जरा , थोड़ा सा , टुक , जैसे— (क) देखो पेड़ में कुछ फल हैं , (ख) लोग आ रहे हैं , (ग) कुछ देर ठहरो तो बातचीत करें
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कछुक
थोड़ा सा, कुछ कुछ, जरा सा
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कटुबीजा
बड़ी पीपल
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कटी
कटि, कमर
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कणिका
किनका, टुकड़ा, जर्रा
- कम
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कृश
जिसका शरीर सूखा हुआ हो, दुबला पतला , क्षीणकाय, कमज़ोर
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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किंचित
थोड़ा; अल्प; कुछ
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किंचित्
कुछ, अल्प, ज़रा-सा
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कोरंगी
छोटी इलायची
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कोला
छोटी पीपल, पिप्पली
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गर्द
गरजने या चिल्लानेवाला
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चंचला
लक्ष्मी
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चलदल
पीपल का वृक्ष जिसके पत्ते अधिकतर हिलते रहते हैं
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चिन्ह
'चिह्न'
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जर्रा
सपत्नी, सौत, सौकन
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जरा
बुढ़ापा , वृद्धावस्था
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तनु
कृश, दुबला पतला
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त्रुटि
कमी, कसर, न्यूनता
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तिक्ततंडुला
पिप्पली, पीपल
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थोड़ा
जो मात्रा या परिमाण में अधिक न हो , न्यून , अल्प , कम , तनिक , जरा सा , जैसे,—(क) थोड़े दिनों से वह बीमार हैं , (ख) मेरे पास अब बहुत थोड़े रुपए रह गए हैं
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थोरिक
थोड़ा सा, तनिक सा
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दभ्र
अल्प, थोड़ा, कम
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धुर्रा
किसी चीज का अत्यंत छोटा भाग , कण , रजकण , जर्रा , भुआ
- धूल
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निशान
तेज़ करना, सान पर चढ़ाना
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परिमित
जिसका परिमाण हो या ज्ञात हो, जिसकी नाप तोल की गई हो या मालुम हो, सीमा, संख्या आदि से बद्ध, नपा तला हुआ
- पांशु
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पिप्पली
पीपल
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पिपली
एक पेड़ जो नैपाल, दार्जि- लिंग आदि में होता है, इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और किवाड़, चौकठे, चौकियाँ, आदि बनाने के काम में आती है
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पीपर
'पीपल'
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पीपल
बरगद की जाति का एक सिद्ध वृक्ष जो भारत में प्रायः सभी स्थानों पर अधिकता से पाया जाता है
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बुंद
तीर, शर
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बारीक
जो मोटाई या घेरे में इतना कम हो की छूने से हाथ में कुछ मालूम न हो, महीन, पतला, जैसे, बारीक तार या तागा, बारीक कपड़ा
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भुआ
सेमर आदि की रूई जो फल के भीतर भरी रहती है और डोडे के सूखने पर बाहर निकलती है
- मनाक्
- महीन
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मागधी
मगध देश की प्राचीन प्राकृत भाषा
- मात्रा
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मित
जो सीमा के अंदर हो, नपातुला, परिमित, जो सीमित हो
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रंच
थोड़ा, अल्प, तनिक
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रज
वह दूषित रक्त जो युवती तथा प्रौढ़ा स्त्रियों और स्तनपायी मादा जंतुओं की योनि से प्रति मास तीन चार दिनों तक बराबर निकलता रहता है। आर्तव, ऋतु, कुसुम
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रेणु
धूल
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