कर के पर्यायवाची शब्द
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अग
न चलने वाला स्थावर
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अचल
स्थिर, निश्चल
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अद्रि
पहाड़, पर्वत , शैल , अचल , भूमि का बहुत ऊँचा भाग , पथरीला और ऊँचा स्थान
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अहार्य
जिसे चकमा देकर या धन आदि का लालच देकर वश में न किया जा सके, जो धन या घूस के लोभ में न आ सके
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कटकी
पहाड़
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कद्रू
पुराणानुसार कश्पय की एक स्त्री जिससे सर्प पैदा हुए थे
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कीलक
खूँटी , कील
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कुलि
'कुल'
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कूट
पहाड़ की ऊँची चोटी
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केदार
हिमालय की एक सुप्रसिद्ध चोटी जिसमें विश्व विख्यात केदारनाथ मन्दिर स्थित है, शिव का द्वादश लिंग, शंकराचार्य का समाधि स्थल, चार प्रसिद्ध धामों में से एक तीर्थ-स्थान; शिव का एक नाम
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गिरि
पर्वत , पहाड़
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चितकबरा
भिन्न-भिन्न रंगों के धब्बोंवाला, सफे़द रंग पर काले, लाल या पिले दाग़ वाला, काले पीले या और किसी रंग पर सफे़द दाग़ वाला, रंगबिरंगा,चितला, शवल, कबरा
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चित्रक
तिलक
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चुंगी
कर, नगर के भीतर आने वाली सामग्री पर कर
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तुंग
उन्नत, ऊंचा
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तुंड
मुख, मुँह
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दल
पत्ता, तुलसीदल, निमंत्रण (कथा का)
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दोषा
रात्रि , रात
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धराधर
पुराणों के अनुसार हज़ार फनों वाला वह नाग जिसके फनों पर यह पृथ्वी ठहरी हुई है, शेषनाग
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धराधर
वह जो पृथ्वी को धारण करे, राजा
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नग
न गमन करनेवाला, न चलने फिरनेवाला, अचल, स्थिर
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पंचशाख
हाथ
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पर्वत
पहाड़
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पहाड़
पर्वत ; ढेर , राशि
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पाणि
हाथ
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प्रवेष्ट
बाहु
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प्राणी
प्राणधारी, जिसमें प्राण हों
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बाहु
भुजा , हाथ , बाँह
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भुज
भुजा का आभूषण
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भुजा
कन्धे से पंजे तक का वह अंग जिससे चीजें पकड़ते और काम करते हैं, बाँह , हाथ
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महसूल
वह धन जो राजा या कोई अधिकारी किसी विशिष्ट कार्य के लिये ले, कर, राजस्व
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महीधर
पर्वत
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शम
समय, शुभ-काल, समृद्धि
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शय
शय्या
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शव
ऐसा शरीर जिसमें से प्राण निकल गए हों, मृत शरीर, प्राणरहित देह, लाश, मुर्दा
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शिखरी
पहाड़ , पर्वत ; पहाड़ी किला; वृक्ष; लोवान , कांकड़ा सिंगी; ज्वार मक्का ; मृग विशेष
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शुंड
आसवनी की संडु या शुंडाकार भपका, आसव निकालने के प्रयुक्त यंत्र (नेवृ० को०)
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शुंडादंड
हाथी का वह अगला लंबा अंग जो प्रायः ज़मीन तक लटकता रहता है और जो उसकी नाक होता है, हाथी की सूँड़
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शुल्क
किसी वस्तु के उत्पादन या आयात-निर्यात पर सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर; (टैक्स)
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शैल
पर्वत , पहाड़
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सम
समान, तुल्य, बराबर
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सूँड़
हाथी की लम्बी नाक, इसी आकृति की अन्य वस्तु के लिए भी प्रयुक्त
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स्थावर
जो चले नहीं, सदा अपने स्थान पर रहने वाला, अचल, स्थिर, गतिहीन, जड़, क्रियाहीन, निष्क्रिय
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स्थिर
जो चलता या हिलता डोलता न हो, निश्चल, ठहरा हुआ, जैसे,—(क) हम लोग देखते हैं कि पुथ्वी स्थिर है; पर वह एक घंटे में ५८ हजार मील चलती है, (ख) और लोग उठकर चले गए पर वह अपने स्थान पर स्थिर रहा
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हरि
चंद्रमा ।; यम ।; शुक्र ।; गरुण तनय ।; पर्वत विशेष ।; पौराणिक भू भाग ; वायु, ८. अग्नि , ९, सूर्य , १०. इंद्र , ११. बानर , १२. शुक्र , १३. हंस , १४. मेढ़क , १५. शृगाल, १७. सिंह
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हस्त
कर, हाथ
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हाथ
किसी पदार्थ को पकड़ने या छूने का अवययव, हस्त, चौबीस अंगूली की नाप, जुए आदि के खेल में एक आदमी के खेलने की बारी, किसी कार्यालय में करने वाला मनुष्य
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