कर्पूर के पर्यायवाची शब्द
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आभूषण
गहना, जे़वर, आभरण, अलंकार
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इंदु
पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह, चंद्रमा
- ईश्वर
- कंचन
- कुंदन
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कपूर
एक सफेद रंग का जमा हुआ सुगधिंत द्रव्य जो वायु में उड़ जाता है और जलाने से जलता है
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कमल
पानी में होनेवाला एक पौधा
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कलधौत
सोना
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केश
सिर का बाल
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कृशन
मुक्ता, मोती
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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काँच
धोती का वह छोर जिसे दोनों जाँघों के बिच से ले जाकर पीछे खोंसते हैं , लाँग
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कामदेव
स्त्री पुरुष के संयोग की प्रेरणा करने वाला एक पौराणिक देवता जिसकी स्त्री रति, साथी बसंत, वाहन कोकिल, अस्त्र फूलों का धनुष बाण है तथा उसकी ध्वजा पर मीन और मकर का चिन्ह है, मदन, कंदर्प, ब्रहमसु, ऋश्वकेतु, मकरध्वज
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कोयल
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है , कोकिला , कोइली
- खंजन
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गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
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ग्लौ
चंद्रमा
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गारुड़
जिस मंत्र का देवता गरुड़ हो, साँप का विष उतारने का मंत्र
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गौर
गोरे चमड़ेवाला, गोरा
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घनसार
जल, पानी
- घोड़ा
- चंदन
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चंद्रभस्म
सफे़द रंग का एक सुगंधित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है, कपूर
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चंद्रमा
आकाश में चमकने वाला एक उपग्रह जो महीने में एक बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करता है और सूर्य से प्रकाश पाकर चमकता है
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चंद्रसंज्ञ
कपूर
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चातक
एक पक्षी जो वर्षाकाल में बहुत बोलता है , पपीहा , वि॰ दे॰ 'पपीहा'
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चांपेय
चपक
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चामीकर
एक बहुमूल्य पीली धातु जिसके गहने आदि बनते हैं, सोना, स्वर्ण
- छाता
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जल
पानी, नीर
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जातरूप
स्वर्ण, सोना
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तरुसार
कपूर
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तलवार
लोहे का एक लंबा धारदार हथियार जिसके आघात से वस्तुएँ कट जाती है , खड्ग , असि , कृपाण
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दिन
उतना समय जिसमें सूर्य क्षितिज के ऊपर रहता है , सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय , सूर्य की किरणों के दिखाई पड़ने का सारा समय
- दीपक
- निष्क
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पक्षी
चिड़िया
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पपीहा
वर्षा और वसंत ऋतु में सुरीली ध्वनि में बोलने वाला एक पक्षी जो प्रायः आम के पेड़ों पर बैठकर बड़ी सुरीली ध्वनि में बोलता है, चातक
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पुरट
सुवर्ण, सोना
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पीतक
हरताल
- बाण
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भृंगार
लौंग
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भूमि
पृथ्वी , ज़मीन, वि॰ दे॰ 'पृथ्वी'
- भ्रमर
- मृग
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मेघ
पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है, आकाश में घनीभुत जलवाष्प जिससे वर्षा होती है, बादल
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मयूर
मोर
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रुक्म
स्वर्ण, सोना
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रात्रि
उतना समय जितने समय तक सूर्य का प्रकाश न दिखाई पड़े, संध्या से लेकर प्रातःकाल तक का समय, सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रजनी, रात, निशा
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विद्युत
आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है
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