केलि के पर्यायवाची शब्द
-
अभिनय
दूसरे व्यक्तियों के भाषण तथा चेष्टा को कुछ काल के लिए धारण करना, नाटय-मुद्रा, स्वाँग, नक़ल
-
अवहेला
अवज्ञा, तिरस्कार, अवहेलना
-
आनंद
प्रसन्नता, सुख, हर्ष
-
आनंदप्रद
जो आनंद देनेवाला हो, आनंददायक
-
आमोद
प्रसन्नता
-
आमोद-प्रमोद
भोग-विलास, सुख-चैन, हँसी-खु़शी, रंग-रलियाँ
-
आयोजन
कार्यक्रम, समारोह
-
इच्छा
इच्छा, अभिलाषा, चाह, कामना, लालच
-
उल्लास
हर्षातिरेक, उमङ्ग
-
ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
-
कल्लोल
जल की लहर , तरंग
-
कांति
पति, शौहर
-
कामक्रीड़ा
कामकेलि, संभोग, रतिक्रिया, रतिक्रीड़ा
-
कामदेव
प्रेम का देवता।
-
कीर्ति
यश
-
क्रिया-कलाप
शास्त्रानुसार किए जाने वाले कर्म, शास्त्र द्वारा निर्दिष्ट संस्कार और कर्म
-
क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
-
खेल
केवल चित्त की उमंग से अथवा मन बहलाने या व्यायाम के लिये इधर उधर उछल कुद और दौड़ धुप या कोई साधारण मनोरंजक कृत्य, जिसमें कभी हार जीत भी होती है, जैसे,—आँख मिचौली, कबड्डी, ताश, गेंद शतरंज आदि, क्रि॰ प्र॰—खेलना
-
खेला
खेल में प्रवृत्त या शामिल करना
-
गमन
प्रस्थान , खानगी
-
ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
-
घर्षण
रगड़
-
चंद्र
चंद्रमा, चाँद
-
चरित्र
इतिवृत्त , वृत्तांत ; आचरण
-
चुहल
हँसी-मजाक, दिल्लगी, ठिठोली
-
छद्मवेश
दूसरों को धोखा देने के लिए बनाया हुआ वेश, बदला हुआ वेश, कृत्रिम वेश, बनावटी परिधान, कपटवेश
-
ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
-
ढोंग
बहाना
-
तरंग
लहरि, जलधाराक वेग
-
दिल्लगी
दिल बहलाने या लगाने की क्रिया या भाव, परिहास।
-
धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
-
नंदि
पति की बहिन; गीतों में "ननदी, ननदिया"
-
नर्म
परिहास, हँसी ठट्ठा, दिल्लगी
-
नाटक
नाटक, स्वाँग, खिलवाड़, अभिनय, दृश्य काव्य |
-
नायक
नेता अगुआ, श्रेष्ठ, पुरूष, सुमिरनी, सेनापति, वह प्रधान पुरूष जिसका चरित्र किसी नायक या काव्य में वर्णन किया जावे
-
निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
-
पति
दुल्हा, अधिपति, स्वामी, प्रभु, ईश्वर, मर्यादा, लज्जा
-
परिभोग
बिना अधिकार के परकीय वस्तु का उपभोग
-
परिरंभण
'परिरंभ'
-
परिष्वंग
अलिंगन
-
परिहास
उपहास, बदनामी
-
प्रमोद
बहुत अधिक ख़ुशी, प्रसन्नता या हर्ष, हर्ष, आनंद, प्रसन्नता
-
प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
-
प्रस्ताव
कोई काम करने के लिए किसी के सामने स्वीकृति या अस्वीकृति के लिए रखा जाने वाला विचार, सुझाव या पेशकश, (प्रपोज़ल)
-
प्रिय
आत्मीय व्यक्ति; पति या प्रेमी
-
प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
-
प्रेमी
दे. पिआँर
-
भग
ऐश्वर्य , विभूति जो छः प्रकार की है, यथा-ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, ज्ञान और योनि ; योनि के सहस्र चिह्न जो अहल्या के शाप से इंद्र के शरीर पर बन गये थे
-
भुक्ति
भोजन ; भोग , विषयोपभोग , लौकिक आनंद ; चार प्रकार के धर्म- शास्त्रीय प्रमाणों में से एक , कब्जा , अधिकार; ग्रहों का एक-एक राशि में गमन
-
भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा