कीर्ति के पर्यायवाची शब्द
-
अभिधान
नाम , उपाधि
-
अमला
कर्मचारी
-
आख्या
नाम
-
आह्वान
पुकार, बुलावा, आमंत्रण, निमंत्रण
-
इंदिरा
लक्ष्मी, शोभा, कान्ति
-
इच्छा
इच्छा, अभिलाषा, चाह, कामना, लालच
-
इड़ा
पृथ्वी
-
ऋद्धि
उन्नति, सम्पन्नता अभिवृद्धि
-
ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
-
कमला
विष्णु की पत्नी, धन की अधिष्ठात्री देवी जो विष्णु की पत्नी कही गई हैं, लक्ष्मी
-
कांति
पति, शौहर
-
कीर्तना
कथन, वर्णन
-
कुमारी
दस से बारह वर्ष की अविवाहित कन्या
-
केलि
खेल , क्रीड़ा
-
क्षीरजा
लक्ष्मी
-
ख्याति
प्रसिद्धि , नामवरी
-
गरिमा
गुरुता २ महत्त्व
-
गिरा
वह शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य बातें करता है , बोलने की ताकत
-
गुण
किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह बात जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से पहचानी जाए, वह भाव जो किसी वस्तु के साथ लगा हुआ हो, धर्म, सिफ़त
-
गुरुत्व
भारयुक्त होने की अवस्था या भाव, भारीपन , वजन , बोझ
-
गौरव
सम्मान, आदर
-
चंचला
लक्ष्मी, बिजली
-
चंद्र
चंद्रमा, चाँद
-
चला
बिजली, दामिनी
-
ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
-
तुलसी
प्रसिद्ध पौदा जिसकी पूजा होती है
-
धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
-
धाक
वृष
-
नाम
विस्मय, स्मरण, विकल्प,आदि अर्थ में प्रयुक्त होता है
-
नामधेय
नाम, अभिधान, आख्या, निदर्शक, शब्द
-
पद्मवासा
लक्ष्मी
-
पद्मा
लक्ष्मी
-
पिंगला
हठयोग और तंत्र में जो तीन प्रधान नाड़ियाँ मानी गई हैं उनमें से एक
-
पुकार
किसी को नाम लेकर पुकारने की क्रिया या भाव, विनती, प्रार्थना, विपदा में सुरक्षा या सहायता के लिए याचना, गुहार
-
प्रतिपत्ति
प्राप्ति, पाना
-
प्रतिष्ठा
स्थापना, रखा जाना
-
प्रभा
दीप्ति , प्रकाश , आभा , चमक
-
प्रशंसा
गुणों का बखान, तारीफ, सराहना, गुण कीर्तन
-
प्रसिद्धि
ख्याति
-
प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
-
भग
ऐश्वर्य , विभूति जो छः प्रकार की है, यथा-ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, ज्ञान और योनि ; योनि के सहस्र चिह्न जो अहल्या के शाप से इंद्र के शरीर पर बन गये थे
-
भारती
सरस्वती, वाणी।
-
भृति
नौकरी , वेतन , तनख्वाह
-
मशहूरी
प्रसिद्धि, ख्याति, मशहूर होना, शोहरत, नामवरी, प्रसिद्ध होने की अवस्था
-
महत्व
महत् या महा अर्थात् सबसे बड़ा होने की अवस्था या भाव, महत्ता, गुरुता, बड़प्पन, बड़ाई
-
महात्म्य
'माहात्म्य'
-
महामाया
दुर्गाजी ; गंगा जी ; बुधदेव की माता ; आर्या छंद का तेरहवाँ भेद
-
महिमा
महत्व, महात्म्य, बड़ाई, गौरव
-
माँ
जन्म देने वाली माता
-
माता
जननी, किसी आदरणीय स्त्री के लिए सम्बोधन का शब्द
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा