कोयल के पर्यायवाची शब्द
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आभूषण
गहना, जे़वर, आभरण, अलंकार
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ईश्वर
कलेश, कर्म विपाक, अलस पुरुष, परमेश्वर, भगवान्, मालिक, स्वामी
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कमल
कमल, जलज।
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कर्पूर
कपूर, काफ़ूर, सफ़ेद रंग का एक सुगन्धित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है
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कलकंठ
कोकिल, कोयल
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काकलीख
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है
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काकलीरव
कोयल
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कामदेव
प्रेम का देवता।
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काली रात
ऐसी रात जिसमें चारों तरफ़ अँधेरा छाया रहता है या चंद्रमा की रोशनी नहीं होती
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कुहूरव
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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केश
सिर का बाल
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कोकिल
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है, कोयल
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खंजन
एक पक्षी
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गंधर्व
एक प्रकार के देवता जो स्वर्ग में गाने-बजाने का कार्य करते हैं, देवताओं का एक भेद
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गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
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गौ
गाय
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घोड़ा
अश्व, बंदूक में गोली चलाने का खटका, शतरंज का एक मोहर
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चंदन
सुगनिधत लकड़ी, एक वृक्ष जिसमें हीर की लकड़ी अति सुगन्धित होती हैं
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चंद्रमा
आकाश में चमकने वाला एक उपग्रह जो महीने में एक बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करता है और सूर्य से प्रकाश पाकर चमकता है
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चातक
एक पक्षी जो वर्षाकाल में बहुत बोलता है , पपीहा , वि॰ दे॰ 'पपीहा'
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छाँह
छहुँरी, साया, अक्स; शरण, आश्रय; ऊपर से छाया हुआ स्थान; परछाई; भूत-प्रेत का प्रभाव, दे. 'छहुँरी'
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छाता
छतरी, मधुमक्खियों द्वारा निर्मित शहद का छत्ता, भमरी का छत्ता।
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छाया
छाया; ईश्वरी अनुकम्पा
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जल
पानी
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तलवार
तलवार
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ताम्राक्ष
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज़ सुरीली होती है, कोयल
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तुलसी
प्रसिद्ध पौदा जिसकी पूजा होती है
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दिन
उतना समय जिसमें सूर्य क्षितिज के ऊपर रहता है , सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय , सूर्य की किरणों के दिखाई पड़ने का सारा समय
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दीपक
दिया
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दूत
नायक ओ नायिकाक बीच सम्पर्क करओनिहारि सखी
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निशा
रात्रि, रजनी, रात
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पक्षी
पक्षी , पखेरू
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पपीहा
चातक (एक पक्षी)
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परपुष्ट
अन्य द्वारा पोषित, जिसका दूसरे ने पोषण किया हो
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परभृत
कार्तिकेय
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पिक
कोइली, कोकिल
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बाण
तीर
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भूमि
पृथ्वी , ज़मीन, वि॰ दे॰ 'पृथ्वी'
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भ्रमर
भौंरा
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मत्त
मस्त; नशे आदि में चूर; उन्मत्त
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मदनपाठक
कोकिला, कोयल, एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है
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मधुगायन
कोयल, मधुर स्वर या लय में होने वाला गायन
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मयूर
दे० 'मोर'
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मृग
दे. कस्तूरी
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मेघ
पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है, आकाश में घनीभुत जलवाष्प जिससे वर्षा होती है, बादल
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यमुना
यमुना नदी
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रक्तकंठी
'रक्तकंठ'
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रात्रि
उतना समय जितने समय तक सूर्य का प्रकाश न दिखाई पड़े, संध्या से लेकर प्रातःकाल तक का समय, सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रजनी, रात, निशा
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वनप्रिय
कोकिल
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