क्षत्र के पर्यायवाची शब्द
-
अंबु
आम, रसाल
-
अंभ
जल, पानी
-
अमृत
जो मृत या मरा हुआ न हो, अर्थात् जीवित
-
अर्ण
वर्ण , अक्षर
-
अर्थ
दे० 'अरथ'
-
आप
जल
-
इरा
गुस्सा, अभिमान, स्वाभिमान
-
ऋत
उंछवृत्ति
-
ओज
कृपणता, किफायतदारी, कार्पण्य, जैसे, —वह बहुत ओज से खर्च करता है
-
क
क्यों, कहो
-
कंबल
ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा जिसे लोग ओढ़ते हैं, कमरी, कमली
-
कर्बुर
सोना, स्वर्ण
-
कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
-
कीलाल
अमृत , जल
-
क्षत्रिय
हिंदुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण, राजपूत
-
क्षर
जिसका क्षरण होता हो या होने को हो, नाशवान्, नश्वर, नष्ट होनेवाला
-
क्षीर
दूध
-
क्षोद
चूर्ण, बुकनी, सफूफ
-
गो
गाय।
-
घन
बड़ा हथौड़ा, बादल घनघोर में प्रयुक्त
-
छतरी
छाता, क्षत्रिय।
-
छत्र
छाता, विशेष कए राजाक छाताजे राजचिह्न मानल जाइत अछि
-
छत्रक
खुमी, भूफोड़, कुकुरमुत्ता
-
छाता
छतरी, मधुमक्खियों द्वारा निर्मित शहद का छत्ता, भमरी का छत्ता।
-
जीवन
वृत्ति जीविका, प्राणप्या परमप्रिय, प्राणा धारण, जिन्दगी
-
तामर
नदी, जलाशय, वर्षा आदि से मिलने वाला वह द्रव पदार्थ जो पीने, नहाने, खेत आदि सींचने के काम आता है, पानी
-
तोय
जल, पानी, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
-
द्युम्न
धन
-
द्रविण
धन
-
द्रव्य
वस्तु, पदार्थ, चीज़, धन-सम्पत्ति, दौलत
-
धन
वह वस्तु या वस्तुओं की सअष्टि जिससे किसी उपयोगी या इष्ट अर्थ की सिद्धि होती है और जो श्रम, पूँजी या समय लगाने से प्राप्त होती है विशेषतः अधिक परिमाण में संचित उपयोग को सामग्री , रुपया पैसा, जमीन, जायदाद इत्यादि , जीवनोपाय , संपत्ति , द्रव्य , दौलत , क्रि॰ प्र॰—कमाना , —भोगना , —लगाना , यौ॰—धनधान्य
-
नारा
जल (मनु॰)
-
निधि
गड़ा हुआ खजाना , खजाना
-
नीर
पानी, जल
-
पय
दूध
-
पाथ
थापना, कुम्हार का कच्चा घड़ा को पीटने की क्रिया
-
पानी
जल, जलवायु, वर्षा, मेघ, चमक, कोई द्रव पदार्थ, अर्कशक, प्रतिष्ठा, पौरूष, शासन की उत्तमता, जूस, छवि
-
पानीय
पीने योग्य, जो पीया जा सके
-
प्रभुता
प्रभु होने की अवस्था या भाव, प्रभुत्व, स्वामित्व
-
भेषज
औषध
-
भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
-
भोग्य
धन संपत्ति
-
मघ
पुरस्कार, इनाम
-
रयि
जल, पानी
-
रस
किसी वस्तु के खाने का स्वाद, शरीरस्थ धातु विषेश कोई तरल पदार्थ, गुण, किसी पदार्थ का सार आनंद, प्रेम, जलीय अंश, धातुओं को फूक कर बनाया हुआ भस्म
-
राजन्य
दे. क्षत्रिय
-
राजा
किसी देश, जाति या जत्थे का प्रधान शासक जो उस देश, जाति या जत्थे को नियम से चलाता, उसमें शांति रखता तथा उसकी और उसके स्वत्वों की दूसरों के आक्रमण से रक्षा करता है, वह जो किसी राज्य या भू-खंड का पूरा मालिक हो और उसमें बसने वाले लोगों पर सब प्रकार के शासन करता हो तथा उन्हें अपने नियंत्रण में रखता हो और दूसरे राजाओं के आक्रमणों आदि से रक्षित रखता हो, बादशाह, नरेश, अधिराज
-
राज्य
राज्य के कार्यों का प्रबंध और संचालन, राजा का काम, शासन
-
रेत
पानी का जोरदार प्रवाह, बालू, मरूस्थ
-
लक्ष्मी
'देखें' लक्ष्मी
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा