क्षीरी के पर्यायवाची शब्द
-
अपूप
गेहुँ के आटे की लिट्टी जिसे मिट्टी के कपाल या कसोरे मे पका कर यज्ञ मे देवताओं के निमित्त हवन करते थे
-
अर्क
सूर्य
-
अर्यमा
सूर्य
-
अवरोही
संगीत में वह स्वर जिसमें पहले षड्ज का उच्चारण हो, फिर निषाद से षड्ज तक क्रमानुसार उतरते हुए स्वर निकलते जाएँ, सा, नि, ध, प, म, ग, री सा का क्रम, विलोम, आरोही स्वर का उलटा
-
आक
मंदार, अकौप्रा, अकवन
-
आस्फोट
ठोकर या रगड़ से उत्पन्न शब्द
-
कंटकी
जिसमें काँटा हो, काँटेदार, कँटीला
-
कर्मज
कर्म से उत्पन्न
-
करमर्द
कराम्ल, आँवला
-
करमर्दक
करौंदा
- करौंदा
-
क्षीरदल
मंदार, आक
-
ग्रहपति
सूर्य
-
गेहूँ
रबी की एक फ़सल जो अगहन में बोई जाती और चैत में काटी जाती है
-
गोधूम
गेहूँ
-
गोहूँ
गेहूँ
-
जटाल
वटवृक्ष, बरगद
-
दाऊदी
एक प्रकार का गेहूँ जिसका छिलका बहुत सफेद और नरम होता है
-
ध्रुव
सदा एक ही स्थान पर रहने वाला, इधर-उधर न हटने वाला, स्थिर, अचल
-
न्यग्रोध
वट वृक्ष, बरगद
-
नील
नीले रंग का, गहरे आसमानी रंग का
-
पादरोहण
बड़ का पेड़
-
बहुपाद
अधिक पैरोंवाला, अनेक पैरोंवाला
-
भृंगी
शिव का एक परिषद या गण
- भांडीर
- भास्कर
-
मंडली
समूह, मोष्ठी, समाज, जमाअत, समुदाय
-
मंदार
स्वर्ग के पाँच वृक्षों में से एक देववृक्ष
-
महाच्छाय
वट वृक्ष, बड़ का पेड़
-
यक्षावास
वट का वृक्ष जिसपर यक्षों का निवास माना जाता है
-
यमप्रिय
वट वृक्ष, बंड़ का पेड़
- यवन
-
रक्तफल
शाल्मलि, सेमल
-
रसाल
आम
-
रोहिणी
गाय
-
वट
बरगद का पेड़
-
वटक
बड़ी टिकिया या गोली, बट्टा, वटी
-
वनेक्षुद्रा
करंज
-
वसुक
साँभर नमक
-
विटपी
जिसमें नई शाखाएँ या कोंपलें निकली हों
-
शृंगी
हाथी, हस्ती
-
शिफारुह
बरगद का पेड़
-
स्कंधरुह
बड़ का पेड़, वट वृक्ष
-
सुमना
चमेली, जातीपुष्प
-
सुषेण
विष्णु का एक नाम
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा