कुधर के पर्यायवाची शब्द
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अग
न चलने वाला स्थावर
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अचल
स्थिर, निश्चल
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अद्रि
पहाड़, पर्वत , शैल , अचल , भूमि का बहुत ऊँचा भाग , पथरीला और ऊँचा स्थान
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अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
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अहार्य
जिसे चकमा देकर या धन आदि का लालच देकर वश में न किया जा सके, जो धन या घूस के लोभ में न आ सके
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अहीश
साँपों का राजा, शेषनाग
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कटकी
पहाड़
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कीलक
खूँटी , कील
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कुट्टार
कंबल, ओढ़ने का ऊनी वस्त्र
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कुभृत
पर्वत
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कूट
पहाड़ की ऊँची चोटी
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गिरि
पर्वत , पहाड़
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ग्राव
पत्थर
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जीमूत
मेघ, पर्वत, पहाड़
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तुंग
उन्नत, ऊंचा
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धरणिधर
पृथ्वी को धारण करनेवाला
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धरणीधर
पृथ्वी को धारण करने वाले, शेषनाग।
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धराधर
पुराणों के अनुसार हज़ार फनों वाला वह नाग जिसके फनों पर यह पृथ्वी ठहरी हुई है, शेषनाग
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धराधर
वह जो पृथ्वी को धारण करे, राजा
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धाता
विधाता, बहाना
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नग
न गमन करनेवाला, न चलने फिरनेवाला, अचल, स्थिर
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नगेंद्र
पर्वतराज, हिमालय
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नाकु
दीमक की मिट्टी का ढूह, वेमौट, वल्मीक
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नागराज
शेषनाग, ऐरावत।
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नागेंद्र
बड़ा सर्प या साँप
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नागेश
शेषनाग
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नागेश्वर
शेषनाग
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पन्नगपति
शेषनाग
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परिध
'परिधि'
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पर्वत
पहाड़
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पहाड़
पर्वत ; ढेर , राशि
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पृथुशेखर
पहाड़, पर्वत, भूमि का बहुत ऊँचा, ऊबड़-खाबड़ और प्रायः पथरीला प्राकृतिक भाग
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फणींद्र
शेषनाग
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फणीश
दे० 'फनींद्र' , ; वासुकि
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बासुकी
सर्पराज , सों का राजा विशेष
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भूधर
पर्वत
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भूमिधर
वह काश्तकार वा खेतिहार जिसे भूमि पर स्वामित्व प्राप्त हो, सिरदार
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भोगी
इन्द्रियों का सुख चाहने वाला
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महिधर
दे॰ 'महिधर'
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महीधर
पर्वत
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मेरु
पुराणों में वर्णित एक पर्वत जो सोने का कहा गया है, सुमेरु
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रजत
चाँदी; रूपा; सोना; हाथी दांत ; लहू ; अस्ताचल पर्वत का नाम
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वासुकि
आठ नागों में से दूसरा नागराज
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शिखरी
पहाड़ , पर्वत ; पहाड़ी किला; वृक्ष; लोवान , कांकड़ा सिंगी; ज्वार मक्का ; मृग विशेष
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शिलोच्चय
पर्वत, पहाड़
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शृंगी
हाथी, हस्ती
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शेष
वह जो कुछ भाग निकल जाने पर रह गया हो , बची हुई वस्तु , वाकी
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शेषनाग
सर्पराज, शेष, विशेष दे॰ 'शेष'—
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शैल
पर्वत , पहाड़
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सर्पराज
सर्पों के राजा, शेषनाग
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