कूट के पर्यायवाची शब्द
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अग
न चलने वाला स्थावर
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अग्रभाग
आगे का भाग, अगला हिस्सा, श्रेष्ठ भाग, मुख्य भाग, किसी वस्तु आदि के आगे का भाग
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अचल
स्थिर, दृढ़
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अटल
अचल, स्थिर (लाड़ी दादाजी का अटल दरवाज़ा मा. लो. 407)
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अद्रि
पर्वत, पहाड़
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अहार्य
जिसे चकमा देकर या धन आदि का लालच देकर वश में न किया जा सके, जो धन या घूस के लोभ में न आ सके
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उत्तमता
श्रेष्ठता, उत्कृष्टता, खूबी, भलाई
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उत्तेजना
चित्तोद्रेक, भावावेश
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ऊँचाई
ऊपर की ओर का विस्तार, उठान, उच्चता, बुलंदी
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कटकी
पहाड़
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कपट
छिपाने की दूषित मनोवृत्ति, अभिप्राय साधन के लिये हृदय की बात को छिपाने की वृत्ति , छल , दंभ , धोखा
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कर
कर, टैक्स
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कीलक
खूँटी , कील
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कुच
काँचली, केचुल
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कुट्टार
कंबल, ओढ़ने का ऊनी वस्त्र
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कुधर
पहाड़, पर्वत, भूधर
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केदार
खेत की क्यारी, थांवला ; एक राग, जिसे केदारा भी कहते हैं
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कैतव
धोखा, छल, कपट, धूर्तता
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कोह
बदला, कसर
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गिरि
पर्वत , पहाड़
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गुंबद
इमारत का अर्धगोलाकार शिखर भाग, गोल, ऊँची और उभरी हुई छत, गुंबज़
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गोत्र
संतति , संतान
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ग्राव
पत्थर
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चोटी
वेणी
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छद्म
छल, कपट, वञ्चना
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छल
छाली उतारा हुआ दही
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जीमूत
पर्वत
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ढेर
नीचे ऊपर रखी हुई बहुत सी वस्तुओं का समूह जो कुछ ऊपर उठा हुआ हो, राशि, अटाला, अंबार, गंज, टाल, क्रि॰ प्र॰—करना, —लगाना
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तीक्ष्ण
दे. तीख
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तुंग
उन्न
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दरीभृत
पर्वत, पहाड़, भूमि का बहुत ऊँचा, ऊबड़-खाबड़ और प्रायः पथरीला प्राकृतिक भाग
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दाँव
बार, मर्तबा 2. कार्य सिद्धि का उपयुक्त अवसर, मौका, सुयोग 3. इष्टसाधन का उपाय, युक्ति 4. छलने की चाल 5. जुए आदि के खेल में जिताने वाली चाल 6. खेलने की बारी
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धराधर
पुराणों के अनुसार हज़ार फनों वाला वह नाग जिसके फनों पर यह पृथ्वी ठहरी हुई है, शेषनाग
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धराधर
वह जो पृथ्वी को धारण करे, राजा
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नग
जेवर आदि में जड़ने का कीमती पत्थर, नगीना, रत्न, मणि; इकाई की गिनती, फर्द, यथा: तीन नग धोती;
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नाकु
दीमक की मिट्टी का ढूह, वेमौट, वल्मीक
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नोक
उस ओर का सिरा जिस ओर कोई वस्तु बराबर पतली पड़ती गई हो , सुक्ष्म अग्रभाग , शंकु के आकार की वस्तु का महीन या पतला छोर , अनी , जैसे, सूई की नोक, काँटे की नोक, भाले की नोक, खूँटे की नोक, जूते की नोक
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पयोधर
जल धारण करने वाला; दूध धारण करने वाला
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पर्वत
पहाड़
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पहाड़
पहाड़ की तरह भारी (चीज), बहुत बोझल (चीज), अतिशय गुरु (वस्तु), जैसे,—तुम्हें तो पाव भर का बोझ भी पहाड़ मालूम पड़ता है
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पृथुशेखर
पहाड़, पर्वत, भूमि का बहुत ऊँचा, ऊबड़-खाबड़ और प्रायः पथरीला प्राकृतिक भाग
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प्रतारणा
परतारब, ठकब वञ्चना
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प्रभुता
प्रभु होने की अवस्था या भाव, प्रभुत्व, स्वामित्व
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प्रवंचना
ठगने का काम , छलना, ठगपना, धुर्तता
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भूधर
पहाड़, पर्वत
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भूमिधर
वह काश्तकार वा खेतिहार जिसे भूमि पर स्वामित्व प्राप्त हो, सिरदार
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महीधर
पर्वत
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मेरु
पुराणों में वर्णित एक पर्वत जो सोने का कहा गया है, सुमेरु
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रजत
चाँदी; रूपा; सोना; हाथी दांत ; लहू ; अस्ताचल पर्वत का नाम
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राशि
दे०-राण
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