लाख के पर्यायवाची शब्द
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अलक्त
कुछ वृक्षों से निकलने वाला एक प्रकार का लाल रस जो उसकी डालों या तनों पर जम जाता है, लाख, लाही, चपरा आदि इसके विभिन्न प्रकार या रूप हैं
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अलक्तक
एक लाल पदार्थ जिसे कुछ विशिष्ट वृक्षों की टहनियों पर लाल रंग के कुछ छोटे कीड़े बनाते हैं, लाही जो पेड़ों में लगती है, लाख, चपड़ा
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अलत्ता
'अलता'
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काम भावना
amoristic sentiment
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कृमि
छोटा कीड़ा
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खदिर
खैर , कत्था ; चंद्रमा ; इंद्र ; एक ऋषि
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छद्म
छल, कपट, वञ्चना
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छल
छाली उतारा हुआ दही
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जंतुका
लाख, जतुका, लाक्षा
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जतु
वृक्ष में से निकलनेवाला गोंद, वृक्ष का निर्यास, गोंद
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जतुका
पहाड़ी नामक लता जिसकी पत्तियाँ औषध के काम में आती है
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जतुरस
लाख का बना हुआ रंग, अलक्तक, महावर
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जावक
लाह से बना हुआ पैरों में लगाने का लाल रंग, अलता, महावर
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दिखावा
आडंबर, झूठा- ठाठ, ऊपरी तड़क भड़क
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पलंकषा
गोखरु
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प्रणय
प्रेम
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प्रीति
प्रेम , प्यार; हर्ष, आनंद; कामदेव की एक पत्नी का नाम
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प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
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महावर
लाख से बना हुआ एक प्रकार का वह लाल रंग जिससे सौभाग्यवती स्त्रियाँ अपने पैर चित्रित करतीं तथा तलुए रँगती हैं, यावक, जावक
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यावक
जौ
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रंग
मानव निर्मित वह रासायनिक तरल पदार्थ जिससे कोई चीज़ रंगी जाती है, सोहागा, राँगा नामक धातु
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रंजक
रंगसाज
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रक्त
वह प्रसिद्ध तरल पदार्थ जो प्रायः लाल रंग का होता और शरीर की नसों आदि में से होकर बहा करता है, लहू, रुधिर, ख़ून
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राक्षा
लाक्षा, (अव्युत्पन्न प्रयोग)
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राग
प्रिय वस्तु के प्रति होने वाला मन का भाव या झुकाव, ईर्ष्या और द्वेष, प्रेम, अनुराग, मोह, अंगराग, रंग विशेषतः लाल रंग, महावर, संगीत में स्वरों के विशेष प्रकार और क्रम या निश्चित योजना से बना हुआ गीत का ढाँचा, भारतीय संगीत अनुसार छः राग।
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लक्तक
अलता, जो स्त्रियाँ पैरों में लगाती हैं, अलक्तक
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लक्ष
लाख
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लाक्षा
लाह
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लालिमा
लाली, ललाई, अरुणता, सुर्खो
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लाह
वृक्षों की टहनी पर कीड़े से निकले द्रव की जमी लाल वस्तु, उसे तैयार करने वाले कीड़े; (लाह = लाभ) नफा, लाभ
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वरवर्णिनी
उत्तम स्त्री
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वर्ण
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र नामक चार वर्ण
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वस्तु
चीज़, असबाब, कोनो पदार्थ
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शत
दस का दस गुना, सौ
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सहस्त्र
दस सौ की संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है-1000
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