लावण्य के पर्यायवाची शब्द
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अभिख्या
नाम, यश, कीर्ति,प्रसिद्धि, ख्याति, नेक नामी
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
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आभा
चमक, दमक, कांति
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आस्वाद
रस, स्वाद, ज़ायक़ा, मज़ा, स्वाद, लज़्ज़त, खाने-पीने की चीज़ मुँह में पड़ने पर उससे जीभ को होने वाला
- इच्छा
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ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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कांति
पति, शौहर
- कीर्ति
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ख़ूबसूरती
सुंदरता, सौंदर्य, हुस्न, रूप, लावण्य, खूबसूरत होने की अवस्था या भाव
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गुण
किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह बात जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से पहचानी जाए, वह भाव जो किसी वस्तु के साथ लगा हुआ हो, धर्म, सिफ़त
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चंद्र
चंद्रमा, चाँद
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चमक
किसी वस्तु का वह गुण या तत्त्व जिसके कारण उसमें से प्रकाश निकलता है, प्रकाश, ज्योति, रोशनी
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चारुता
सुंदरता, मनोहरता, सुहावनापन
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छवि
आभामंडल, प्रभाव, स्वरूप (व्यक्तित्व)
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ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
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ठसक
अभिमानपूर्ण हाव भाव, गर्वीली चेष्टा, नखरा, जैसे,—वह बड़ी ठसक से चलती है
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तरल
हिलता-डोलता, चलायमान, चंचल
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द्युति
दीप्ति, कांति, आभा, चमक
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दिव्यता
दिव्य का भाव
- दीप्ति
- धज
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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निकाई
निकाय
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रकार
भेद, क़िस्म
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प्रभा
दीप्ति , प्रकाश , आभा , चमक
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प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
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भग
योनि
- भेद
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भा
दीप्ति, चमक, प्रकाश
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भाति
शोभा, कांति
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भासा
भाषा
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मधुरिमा
मधुर होने की अवस्था या भाव, माधुर्य, मधुरता
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मनोहरता
मनोहर होने का भाव, सुंदरता
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महात्म्य
'माहात्म्य'
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माधुरी
मधुर होने की अवस्था या भाव, मधुरता, मिठास
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मोक्ष
किसी प्रकार के बंधन से छूट जाना, बंधन से मुक्त, मोचन, छुटकारा
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यत्न
नैयायिकों के अनुसार रूप आदि ४ गुणों के अंतर्गत एक गुण जो तीन प्रकार का होता है— प्रवृत्ति, निवृत्ति और, जीवनयोनि
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रुचि
एक प्रजापति जो रौज्य मनु के पिता थे
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रुचिरता
रुचिर होने की अवस्था, भाव या धर्म
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रूप
किसी पदार्थ का वह गुण जिसका बोध द्रष्टा , को चक्षुरिंद्रिय द्बारा होता है , पदार्थ के वर्णो और आकृति का योग जिसका ज्ञान आँखों को होता है , शकल , सूरत , आकार
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रमणीयता
सुंदरता
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रमा
धन की अधिष्ठात्री देवी जो विष्णु की पत्नी कही गई हैं, लक्ष्मी, श्री, शोभा
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रस
छह की संख्या
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लक्षण
किसी पदार्थ की वह विशेषता जिसके द्वारा वह पहचाना जाए, वे गुण आदि जो किसी पदार्थ में विशिष्ट रूप से हों और जिनके द्वारा सहज में उसका ज्ञान हो सके, चिह्न, निशान, आसार
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लुनाई
लावण्य, सुंदरता, सलोनानपन, ख़ूबसूरती
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लवणा
दीप्ति, आभा
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लालित्य
ललित होने का भाव, सौंदर्य, सुंदरता, सरसता, मनोहरता, जैसे,—आपकी भाषा में बहुत अधिक लालित्य होता है
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वैराग्य
मन की वह वृत्ति जिसके अनुसार संसार की विषयवासना तुच्छ प्रतीत होती है और लोग संसार की झंझटें छोड़कर एकांत में रहते और ईश्वर का भजन करते हैं, विरक्ति
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