लगाव के पर्यायवाची शब्द
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अचैतन्य
जिसमें चेतना या चैतन्य न हो, चेतनारहित, आत्माविहीन, जड़
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अज्ञान
बोध का अभाव, जड़ता, मूर्खता, मोह, अनजानपन
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अणु
द्वयणु क से सूक्ष्म, परमाणु से बड़ा कण जिसका बिना किसी विशेष यंत्र के खंड नहीं किया जा सकता
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अदर्शन
(किसी वस्तु के) दर्शन न होना, दिखाई न देना, दर्शन का अभाव
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अनुरक्ति
आसक्ति, अनुराग, प्रीति, भक्ति
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अनुराग
प्रीति, प्रेम, असक्ति, प्यार, मुहब्बत, लगाव
- अवसर
- अविद्या
- अंश
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अशुद्धि
अपवित्रता, अशौच, गंदगी
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आसक्ति
अनुरक्ति, लिप्तता, आसक्त होने की क्रिया अवस्था या भाव
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आसंग
सतत, निरंतर, लगातार, बिना विराम के या बिना रुके अथवा बिना क्रम-भंग के
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उल्फ़त
दोस्तों या मित्रों में होने वाला पारस्परिक संबंध, मित्रता, दोस्ती, याराना
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एकाग्रता
चित्त का स्थिर होना, अचंचलता, तल्लीन होने की अवस्था या भाव
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कण
किनका, रवा, जर्रा, अत्यंत छोटा टुकड़ा
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कथानक
कथा, कहानी, किस्सा
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घटना
उपस्थित होना, वाकै होना, होना, जैसे,—वहाँ ऐसी घटना घटी कि सब लोग आश्चर्य में आ गए
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चिन्ह
'चिह्न'
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ज्ञाति
एक ही गोत्र या वंश का मनुष्य, गोती, भाई, बंधु, बांधव, सपिंड समानोदक आदि
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जुड़ाव
जुड़ने की क्रिया या भाव
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जादू-टोना
तंत्र-मंत्र या जादुई तरकीबों द्वारा किया जाने वाला कोई काम, जादू करने की कला
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तंत्र-मंत्र
नियत उद्देश्य की पूर्ति हेतु की जाने वाली कर्मकांड युक्त एक पारंपरिक विद्या जिसे वर्तमान में अधिकांश शिक्षित लोगों द्वारा अंधविश्वासपूर्ण माना जाता है, जादू-टोना, जादू-मंतर, जादूगरी
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तार
रूपा , चाँदी
- ताल
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दुश्मनी
वैर, शत्रुता, विरोध
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धुन
काँपने की क्रिया या भाव, कंपन
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नाता
दो या कई मनुष्यों के बीच वह लगाव जो एक ही कुल में उत्पन्न होने या विवाह आदि के कारण होता है , कुटुंब की घनिष्ठता , ज्ञाति संबंध , रिश्ता , क्रि॰ प्र॰—जोडना , —टूटना , —तोड़ना , —लगाना
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निशान
तेज़ करना, सान पर चढ़ाना
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प्यार
मुहब्बत , प्रेम , चाह , स्नेह
- प्रणय
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प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
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प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
- प्रीति
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बंधेज
नियत समय पर और नियत रूप से मिलने या दिया जाने वाला पदार्थ या द्रव्य, लेन-देन आदि की नियत या बँधी हुई प्रथा
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बेहोशी
बेहोश होने का भाव, मूर्छा, अचेतनता
- भक्ति
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मतलब
तात्पर्य , अभिप्राय , आशय
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मैथुन
स्त्री के साथ पुरुष का समागम, संभोग, रतिक्रीड़ा, सहवास
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ममता
ईश्वर का ध्यान छोड़कर शरीर और सांसारिक पदार्थों को अपना सर्वस्व समझने की क्रिया या भाव, 'वह मेरा है' इस प्रकार का भाव , किसी पदार्थ को अपना समझने का भाव , ममत्व , अपनापन
- मूर्च्छा
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मेल
दो या अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों के हकट्ठा होने का व्यापार अयवा भाव , मिलने की क्रिया या भाव , संयोग , समागम , मिलाप , मिलान
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मोह
कुछ का कुछ समझ लेनेवाली बुद्धि, अज्ञान, भ्रम, भ्रांति
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रुचि
एक प्रजापति जो रौज्य मनु के पिता थे
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रिश्ता
नाता, संबंध
- लग्न
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लगार
नियमित रूप से कोई काम करने या कोई चीज देने की क्रिया भाव , बंधी , बंधज
- लय
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लेश
अणु
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लाग
संपर्क , संबंध , लगाव , ताल्लुक , जैसे,—(क) इन दोनों में कहीं से कोई लाग तो नहीं मालूम होती , (ख) यह डंडा अधर में बेलाग खड़ा है
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लाग-लपेट
किसी से कोई बात आदि गुप्त रखने या छिपाने की क्रिया या भाव
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