लेख के पर्यायवाची शब्द
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अग्निजिह्व
अग्नि के समान जीभवाला
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अग्निमुख
देवता
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अजर
निर्जर, देवता
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अनिमिष
बिना पलक गिराए, एक-टक, बिना पलक झपकाए या स्थिर दृष्टि से
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अमर्त्य
जो कभी मर्त्य या मरे नहीं या जिसने मृत्यु को जीत लिया हो, अविनश्वर, अमर
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अस्वप्न
जिसे नींद न आती हो
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आदितेय
अदिति का पुत्र
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आदित्य
अदिति के पुत्र सूर्य
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इबारत
लेख
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ऋभु
एक गण देवता
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कारण
हेतु , वजह , सबब , जैसे, तुम किस कारण वहाँ गए थे
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ख़त
पत्र, चिट्ठी
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गीर्वाण
देवता, सुर
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चिट्टी
पत्र
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छद
ढकनेवाली, वस्तु, आवरण (चादर, ढक्कन, छाल इत्यादि), जैसे,—रदच्छद
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त्रिदश
देवता
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त्रिदिवेश
देवता
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दल
पत्ता, तुलसीदल, निमंत्रण (कथा का)
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दस्तावेज़
प्रलेख।
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दानवारि
हाथी का मद
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देव
भाग्यमूलक, अदृष्टशक्तिजन्य
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देवता
'देखें' देव
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दैवत
देवता संबंधी
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नभगामी
चंद्रमा, (ड़िं॰)
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नभश्चर
आसमान में दिखाई देने वाले स्थिर खगोलीय पिंड जो रात को चमकते नज़र आते हैं
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निबंध
जो बंधन या बंधनों से रहित हो
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निरूप
रूपरहित, निराकार, जिसका कोई रूप न हो
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निर्जन
एकांत , सुनसान
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पंक्ति
पाँति , कतार
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पत्र
चिट्ठी पहुँचओनिहार
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पलास
वह गाँठ जो दो रस्सियो या एक ही रस्सी के दो छोरों या भागों को परस्पर जोड़ने के लिये दी जाय, (लश॰), क्रि॰ प्र॰—करना
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पल्लव
नये निकले हुए कोमल पत्ते, किसलय
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पशु
लांगूलविशिष्ट चतुष्पद जंतु , चार पैरों से चलनेवाला कोई जंतु जिसके शरीर का भार खड़े होने पर पैरों पर रहता हो , रेंगनेवाले, उड़नेवाले, जल में रहनेवाले जीवों तथा मनुष्यों को छोड़ कोई जानवर , जैसे, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, ऊँट, बैल, हाथी, हिरन, गीदड़, लोमड़ी, बंदर इत्यादि
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पात
नारियल से बनी चूड़ियों पर चढ़ाया जाने वाला चाँदी का पतरा या पतली झिल्ली।
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प्रकाशन
प्रकाश करनेवाला, चमकीला, दीप्तिवान्
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प्रवाल
मूँगा, विद्रुम
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बंधन
बँधने या बाँधने की अवस्था या भाव, बाँधने की क्रिया, बाँधना
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बहिर्मुख
जिसका अगला भाग या मुख बाहर की ओर हो
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बुध
मंगलवार के बाद का दिन
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बुनियाद
जड़, मूल, नींव
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भट्टारक
मान्य, माननीय, पूज्य
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भुवनपति
एक देवता का नाम जो महीधर के अनुसार अग्नि का भाई है
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मज़मून
किसी विषय का वह सविस्तार विवेचन जिसमें उससे संबंध रखने वाले अनेक मतों, विचारों, मंतव्यों आदि का तुलनात्मक और पांडित्यपूर्ण विवेचन हो, वह विषय जिस पर कुछ कहा या लिखा जाए
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मज़मून
आलेख का नमूना।
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मस्त
जो नशे आदि के कारण मत्त हो, मतवाला, मदोन्मत्त, जैसे,—वह दिन रात शराब मे मस्त रहता है
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मूल
वृक्ष का वह भाग जो पृथ्वी के नीचे रहता है, जड़ आरंभ, सार, जड़, मूलधन, धन या पूँजी जो किसी व्यापार में लगायी जाती है, आदि कारण, नीव
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रचना
हाथों से बनाकर प्रस्तुत करना, ग्रंथ आदि लिखना, सजाना, अनुरक्त होना, उत्पन्न करना, क्रम में रखना
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रेख
रेखा, लकीर; नई-नई निकलती मूंछे या पाही जिससे ओठ के ऊपर रेखा-सी बन जाती है; चौकसी, रक्षा, देख-रेख
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रेखा
लकीर, मर्यादा।
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लकीर
कलम आदि के द्वारा अथवा और किसी प्रकार बनी हुई वह सीधी आकृति जो बहुत दूर तक एक ही सीध में चली गई हो , रेखा , खत
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