लोक के पर्यायवाची शब्द
-
अंतरिक्ष
पृथ्वी और सूर्या आदि लोकों के बीच का स्थान, पृथ्वी और अन्य ग्रहों के चारों ओर का स्थान, कोई दो ग्रहों या तारों के बीच का शून्य स्थान, आकाश, अधर, रोदसी, शून्य
-
अटारी
कोठे के ऊपर का कमरा, बैठक आदि; गीत एवं कविता में "अटरिया"; सं० अट्टालिका
-
अट्टालिका
महल , पक्की इमारत , अटारी
-
अमरावती
देवताओं की पुरी, इंद्रपुरी, सुरपुरी
-
अयन
मार्ग , रास्ता
-
अर्श
पापयुक्त, दुर्भाग्य लानेवाला
-
अवस्थान
स्थिति, संत्ता
-
अव्यय
सदा एकरस रहने वाला, अक्षय
-
आगार
रहने का स्थान , घर , मकान
-
आलय
घर , मकान , मंदिर e उ०—सदन, सद्म, आराम, गृह, आलय, निलय, नं० १०/
-
आवागमन
अएनाइ-गेनाइ, गतायात
-
आस्पद
स्थान
-
इड़ा
पृथ्वी
-
इहलोक
जगत, संसार, मर्त्यलोक
-
उपवर्तन
व्यायामशाला, अभ्यास स्थली
-
ऊर्ध्वलोक
आकाश , २ स्वर्ग
-
क़बीला
समूह, झुण्ड, एक वंश का समुदाय।
-
कृंतन
ध्वज ; चिह्न ; घर ; स्थान
-
क्षेत्र
वह स्थान जहाँ अन्न बोया जाता हो, खेत
-
ख़ल्क़
सृष्टि का प्राणी या जीवधारी
-
गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
-
गण
समुदाय , 2. जत्था, झुंड ; कोटि , वर्ग ; दूत ; सेवक , नौकर ; छंदशास्त्र में तीन अक्षरों का समूह
-
गोलोक
विष्णु या कृष्ण का निवासस्थान
-
गोलोक
श्रीकृष्ण का बाँसस्थान, स्वर्ग, बैकुंठ
-
गोष्ठी
वहुत से लोगों का समूह, सभा, मंडली
-
घर
मनुष्यों के रहने का स्थान जो दीवार आदि से घेरकर बनाया जाता है, वह स्थान जहाँ कोई व्यक्ति निवास करता है, निवास स्थान, आवास, गृह, मकान
-
चराचर
स्थावर आ जङ्गम सकल संसार
-
जग
संसार, विश्व, दुनिया
-
जगत
संसार, चबूतरा
-
जगती
संसार, दुनिया
-
जन
लोक, लोग
-
जनता
किसी देश या राज्य में रहने वाले कुल व्यक्तियों की संज्ञा, किसी देश या क्षेत्र के समस्त निवासी, प्रजा, अवाम, क़ौम
-
जनपद
किसी देश का वह विभाग जिसके निवासियों की शासन-पद्धति, भाषा, रहन-सहन, व्यवहार आदि औरों से भिन्न और स्वतंत्र हो, देश
-
जन्मांतर
दूसरा जन्म , अन्य जन्म
-
जहान
संसार , जगत
-
ठाँव
स्थान , जगह , ठिकाना
-
ठौर
ठिकाना , स्थान ; मौका , अवसर
-
तविष
वृद्ध, महत्
-
त्रिदशालय
स्वर्ग
-
दुनिया
संसार, विश्व
-
देवधाम
बाबा धाम, देवघर, देवस्थान, तीर्थस्थान
-
देवलोक
स्वर्ग, देवताओं का लोक, इंद्रलोक, तपस्वियों का निवास, स्वर्गलोक, एक कल्पित लोक
-
देश
सब ओर फैला हुआ वह विस्तृत अवकाश जिसके अंतर्गत सभी दिखाई देने वाली चीज़ें रहती हैं अथवा जिसके भीतर सब कुछ है, विस्तार, दिक्
-
धो
कठिनाई, बड़ा कठिन, मुश्किल, 'धो आयूं' का अर्थ-बड़ी कठिनाई से आया हूँ
-
नगर
मनुष्य की वह बस्ती जो गाँव और कस्बे से बहुत बड़ी होती है और जिसमें सब तरह के बहुत-से लोग रहते और बाज़ार होते हैं, शहर
-
निलय
वास स्थान , आश्रय स्थान
-
पत्तन
बंदरगाह; पोताश्रय
-
परमधाम
स्वर्ग
-
परिषद
सवारी या जुलूस में चलनेवाले वे अनुचर जो स्वामी को घेरकर चलते हैं, पारिषद्
-
पुंज
समूहित
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा