मार्ग के पर्यायवाची शब्द
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अग्रहायण
वर्ष का अगला या पहला महीना, अगहन, मार्गशीर्ष, कार्तिक के बाद और पूस से पहले का महीना
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अगहन
प्राचीन वैदिक क्रम के अनुसार वर्ष का अगला वा पहला महीना , मार्गशीर्ष , मगसिर
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अध्वा
तांत्रिक मत में, यह जगत् या सृष्टि
- अयन
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अवलंब
आश्रय, आधार, सहारा, भरोसा, शरण, पड़ाव, जीवन निर्वाह का आधार
- आचार
- आवागमन
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आश्रम
ऋषियों और मुनियों का निवासस्थान , तपोवन, साधु संत के रहने की जगह , जैसे,—कुटी या मठ
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उत्स
स्त्रोत
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उद्गम
वह स्थान आदि जहाँ से किसी वस्तु आदि की व्युत्पत्ति होती है
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उपाय
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए, पास पहुँचना, निकट आना
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ख़ल्क़
सृष्टि का प्राणी या जीवधारी
- खोज
- गति
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गमन
एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने की क्रिया, प्रस्थान, चलना, यात्रा करना
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गैल
मार्ग , राह , रास्ता , गली , कूचा
- गली
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गवेषणा
खोज , अन्वेषण , तलाश , छानबीन
- घर
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घाटी
पर्वतों के बीज की भूमि, पहाड़ों के बीच का मैदान, पर्वतों के बीच का सँकरा मार्ग, दर्रा
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चराचर
चर और अचर, जड़ और चेतन, स्थावर और जंगम
- चलन
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चाल
गति , गमन , चलने की क्रिया , जैसे— इस गाड़ी की चाल बहुत धीमी है
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छेद
छेदन, काटने का काम
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जग
संसार, विश्व, दुनिया
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जगत
कुएँ के ऊपर चारों ओर बना हुआ चबूतरा जिसपर खड़े होकर पानी भरते हैं
- जगती
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जन्मांतर
दूसरा जन्म , अन्य जन्म
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जहान
संसार , लोक , जगत् , जैसे,—जान है तो जहान है (कहावत)
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डगर
गंतव्य स्थान तक पहुँचने के लिए बीच में पड़ने वाला वह भू-भाग जिस पर होकर चलना पड़ता है, मार्ग, रास्ता, पथ, पैंड़ा, राह, सड़क
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थन
गाय, भैंस, बकरी इत्यादि चौपायों का स्तन, चौपायों की चूची
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दुनिया
किसी की वे सब अनुभूतियाँ जो वस्तुओं के स्वरूप का निर्धारण करती हैं
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दर्रा
पहाड़ी रास्ता, वह सँकरा मार्ग जो पहाड़ों के बीच से होकर जाता हो, घाटी
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द्रोणी
डोंगी
- द्वार
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
- नाका
- निकास
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निर्गम
निकास, निकलने का मार्ग
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पूछताछ
कुछ जानने के लिए प्रश्न करने की क्रिया या भाव, किसी बात का पता लगाने के लिए बार-बार पूछना या प्रश्न करना, बातचीत करके किसी विषय में खोज, अनुसंधान या जाँच पड़ताल, जिज्ञासा
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पैंड
शरीर के आठों अंगों की लम्बाई तक का स्थान, साष्टांग दण्डवत के समय
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पथ
मार्ग, रास्ता, राह
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पंथा
'पंथ'
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पंथान
मार्ग
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पद्धति
राह, पथ, मार्ग, सड़क
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पद्या
शक्कर
- पदवी
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रचलन
चलन
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प्रणाली
पानी निकलने का मार्ग, नाली
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