मधु के पर्यायवाची शब्द
-
अमृत
वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है, पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक, सुधा, पीयूष, निर्जर
-
आसव
वह मद्य जो भभके से न चुआई जाए, केवल फलों के ख़मीर को निचोड़कर बनाई जाए
- इरा
-
ऋतुनाथ
ऋतुओं का स्वामी, वसंत ऋतु
-
ऋतुपति
'ऋतुनाथ'
-
ऋतुराज
ऋतुओं का राजा वसंत
- कंज
-
कल्य
सवेर, भोर, प्रातःकाल
-
कश्य
शराब, मदिरा
-
क्षौद्र
क्षुद्र का भाव, क्षुद्रता
-
कुसुमाकर
वसंत
-
कुसुमागम
वसंत
-
कुसुमासव
फूल का रस, मकरंद
-
कादंबरी
कोकील, कोयल
-
किलाल
कलाल जाति का व्यक्ति।
-
गंधोत्तमा
द्राक्षामधु, द्राक्षासव, अंगूर की शराब
-
देवभोज्य
अमृत
- दारू
- नशा
-
प्रतिश्रुत
स्वीकार किया हुआ, मंजूर किया हुआ, प्रतिज्ञात
-
प्रसन्नता
तुष्टि, संतोष
-
प्रसन्ना
वह मद्य जो खींचने में पहले उतरता है, वैद्यक में इसे गुल्म वात, अर्श, शूल और कफनाशक माना है
-
पराग
'प्रयाग'
-
पुष्परज
फूलों की धूल, पराग
-
पुष्परेणु
फूल की धूल, पराग, फूलों के लंबे केसरों पर जमी हुई धूल या रज
-
पुष्परस
मधु, मकरंद, फूल का रस
-
पिकानंद
सर्वप्रधान मानी जाने वाली वह ऋतु जो माघ के दूसरे पक्ष से प्रारम्भ होकर चैत के प्रथम पक्ष तक की मानी गई है, वसंत ऋतु
-
पित्र्य
पितृ संबंधी, पिता संबंधी
- पीयूष
-
बलांगक
बसंतकाल, वसंत ऋतु
-
बसंत
देखिए : 'वसंत'
- बहार
-
मकरंद
एक प्रकार का वर्णवृत्त
-
मद्य
मदिरा, शराब
-
मदिरा
कुछ विशिष्ट प्रकार के अन्नों, फलों, रसों आदि को सड़ाकर उनका भभके से खींचकर निकाला जाने वाला नशीला रस, नशीला तरल पदार्थ, वह अंक जिसके पीने से नशा हो, शराब, दारू, मद्य
-
मधुर
जिसका स्वाद मधु के समान हो, मीठा
-
मध्वासव
महुए की शराब या मधु की मदिरा, माध्वीक
-
मरंद
मकरंद
-
मैरेय
मदिरा, शराब
-
माक्षिक
शहद, मधु
-
माधव
मधु जैसा, शहद के समान, मीठा
-
माध्वीक
महुर की शराब
- मीठा
-
वरुणात्मजा
वारुणी, सुरा, मदिरा, शराब
-
वारुणी
मदिरा , शराब
- शुंडा
- शराब
-
शशिरस
अमृत
-
शहत
'शहद'
-
शहद
शीरे की तरह का एक बहुत प्रसिद्ध मीठा, गाढ़ा, तरल पदार्थ जो कई प्रकार के कीड़े और विशेषतः मधुमक्खियाँ अनेक प्रकार के फूलों के मकरंद से संग्रह करके अपने छत्तों में रखती हैं, मधु, अंग्बीं
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा