मैथुन के पर्यायवाची शब्द
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अनुरक्ति
आसक्ति , प्रीति , रति , भक्ति
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अनुराग
प्रेम,आसक्ति
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अरिष्ट
क्लेश, पीड़ा
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अवसर
समय, काल
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आत्मघोष
अपने मुँह से अपनी बड़ाई करने वाला
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आनंदप्रद
जो आनंद देनेवाला हो, आनंददायक
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आयोजन
कार्यक्रम, समारोह
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आस्वाद
स्वाद लेना
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आहार
भोजन, खाना
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उपभोग
आनंद या सुख प्राप्त करने के लिए किसी वस्तु का भोग करना या उसे व्यवहार में लाना, किसी वस्तु के व्यवहार का सुख, मज़ा लेना
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उपवेशन
बैठना
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उल्लास
हर्षातिरेक, उमङ्ग
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एकाक्ष
कनाह
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कथानक
कथा, कहानी, किस्सा
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करट
कौआ; गिरगिट
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करटक
दे० 'करट'
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काक
कौआ
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काग
काक-बोतल या शीशी की डाँठ, वह बलूत की जाति का एक वृक्ष होता है जो स्पेन, पुर्तगाल के उत्तरी भागों में होता है, इसकी लकड़ी हल्की होती है
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कागा
काग
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कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
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कामक्रीड़ा
कामकेलि, संभोग, रतिक्रिया, रतिक्रीड़ा
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कामदेव
प्रेम का देवता।
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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गमन
प्रस्थान , खानगी
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गाढ़
विपत्ति , कष्ट , कठिनाई
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ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
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घटना
कम होना, छोटा होना, क्षीण होना, जैसे,—कूएँ का पानी घट रहा है
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घर्षण
रगड़
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तलिम
छत, पाटन
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तल्प
शय्या, पलंभ, सेज
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दीर्घायु
अधिक दिन जिनिहार
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निद्रा
प्राणियों की वह शारीरिक अवस्था जिसमें वह विश्राम के निमित्त कुछ समय तक आँखें बंद कर निश्चेष्ट पड़े रहते हैं और उन्हें बाह्य जगत की चेतना नहीं रह जाती , नींद , स्वप्न , सुप्ति
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निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
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नींद
दे. 'नीन'
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नैवेद्य
देवता के निवेदन के लिए भोज्य द्रव्य, वह भोजन सामग्री जो देवता को चढ़ाई जाय, देवता को समर्पित भोज्य पदार्थ, भोग, प्रसाद, देव-बलि
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पंचमकार
वाम मार्ग के अनुसार मद्य, मांस, मत्स्य, मुद्रा और मैथुन
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पति
दुल्हा, अधिपति, स्वामी, प्रभु, ईश्वर, मर्यादा, लज्जा
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परिभोग
बिना अधिकार के परकीय वस्तु का उपभोग
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परिरंभ
गले से गला या छाती से छाती लगाकर मिलना, आलिंगन करना
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परिरंभण
'परिरंभ'
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परिष्वंग
अलिंगन
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पर्यंक
पलङ्ग, खाटबाला शय्या
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पल्यंक
पलंग, खाट
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पिशुन
चुगिलाह
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प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
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प्रिय
आत्मीय व्यक्ति; पति या प्रेमी
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प्रेमी
दे. पिआँर
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बलिपुष्ट
कौवा
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भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
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