मयूर के पर्यायवाची शब्द
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अर्जुन
वह वृक्ष जो दक्खिन से अवध तक नदियों के किनारे होता है
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आभूषण
गहना, जे़वर, आभरण, अलंकार
- ईश्वर
- कुक्कुट
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केकी
एक अत्यंत सुंदर बड़ा पक्षी जिसकी पंखनुमा पूँछ लम्बी होती है
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कमल
पानी में होनेवाला एक पौधा
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कर्पूर
कपूर, काफ़ूर, सफ़ेद रंग का एक सुगन्धित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है
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केरी
की , — सुरपति रवनी रमा का चेरी , सो वह चेरी जसुमति केरी , — नंद॰ ग्र॰, पृ॰
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कलापी
मोर
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केश
सिर का बाल
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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कामदेव
स्त्री पुरुष के संयोग की प्रेरणा करने वाला एक पौराणिक देवता जिसकी स्त्री रति, साथी बसंत, वाहन कोकिल, अस्त्र फूलों का धनुष बाण है तथा उसकी ध्वजा पर मीन और मकर का चिन्ह है, मदन, कंदर्प, ब्रहमसु, ऋश्वकेतु, मकरध्वज
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कोयल
एक काले रंग का पक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है , कोकिला , कोइली
- खंजन
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गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
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गूँजा
थोड़ा सा टेढ़ा-मेढ़ा किया हुआ घास, जो बर्तन रगड़ने या आग जलाने के काम आता है
- गुंजा
- घोड़ा
- चंदन
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चंद्रकी
वह जिसे चंद्रक हो, मोर, मयूर
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चंद्रमा
आकाश में चमकने वाला एक उपग्रह जो महीने में एक बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करता है और सूर्य से प्रकाश पाकर चमकता है
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चातक
एक पक्षी जो वर्षाकाल में बहुत बोलता है , पपीहा , वि॰ दे॰ 'पपीहा'
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चित्रपिच्छक
मयूर, मोर
- छाता
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जल
पानी, नीर
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तलवार
लोहे का एक लंबा धारदार हथियार जिसके आघात से वस्तुएँ कट जाती है , खड्ग , असि , कृपाण
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दिन
उतना समय जिसमें सूर्य क्षितिज के ऊपर रहता है , सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय , सूर्य की किरणों के दिखाई पड़ने का सारा समय
- दीपक
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ध्वजी
ध्वजवाला, जो ध्वजा या पताका लिए हुए हो
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नीलकंठ
जिसका कंठ या गला नीला हो
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पक्षी
चिड़िया
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पपीहा
वर्षा और वसंत ऋतु में सुरीली ध्वनि में बोलने वाला एक पक्षी जो प्रायः आम के पेड़ों पर बैठकर बड़ी सुरीली ध्वनि में बोलता है, चातक
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प्रचलाकी
मयूर, मोर
- बाण
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भुजंगभोगी
भुजंगभोजी
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भूमि
पृथ्वी , ज़मीन, वि॰ दे॰ 'पृथ्वी'
- भ्रमर
- मृग
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मेघ
पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है, आकाश में घनीभुत जलवाष्प जिससे वर्षा होती है, बादल
- मेघनाद
- मोर
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रात्रि
उतना समय जितने समय तक सूर्य का प्रकाश न दिखाई पड़े, संध्या से लेकर प्रातःकाल तक का समय, सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रजनी, रात, निशा
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वर्हिण
मोर
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विद्युत
आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है
- शंख
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शंभु
हिन्दुओं के एक देवता जो सृष्टि के सृजक माने जाते हैं, शिव, महादेव
- श्येन
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श्यामकंठ
मोर, मयूर
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शिखंडी
पीली जूही, स्वर्ण यूथिका
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शिखावल
मोर, मयूर
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