नक्षत्र के पर्यायवाची शब्द
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अक्षितारा
आँख की पुतली, आँख के बीच का काला भाग
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आँख की पुतली
आँख के भीतर कार्निया और लेंस के बीच का रंगीन भूरी झिल्ली का वह भाग जो सफे़दी की गोस काट से होकर दिखाई पड़ता है, इसी के बीच में वह तिल या कृष्णतारा दिखाई पड़ता है जिसमें सामने की वस्तु का प्रतिबिंब झलकता है, इसमें मनुष्य का प्रतिबिंब एक छोटी पुतली के समान दिखाई पड़ता है, इसीलिए इसे पुतली कहते हैं
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आहार
भोजन, खाना
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इंदुरत्न
समुद्री सीपी से निकलने वाला एक बहुमूल्य रत्न, मुक्ता, मोती
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उग्रतारा
एक देवी
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उडु
तारा , नक्षत्र
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ऋक्ष
कोढ़
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कनीनिका
आँख की पुतली
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कालक
केतु विशेष; पानी का साँप; आँख की पुतली ; बीजगणित में दूसरी अव्यम्त राशि ; यकृत; एक देश विशेष ; एक राक्षस का नाम
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कालिका
(पुराण) देवी का एक रूप, काली, कंकालिनी, चंडकाली, चंडिका
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किन्नर
पुराणानुसार एक प्रकार के देवता
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कुवल
कुमुदिनी, कुई
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गंधर्व
एक प्रकार के देवता जो स्वर्ग में गाने-बजाने का कार्य करते हैं, देवताओं का एक भेद
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गगनचर
पक्षी , पखेरू ; ग्रह; देवता आदि आकाश मार्ग से चलने वाले प्राणी; मेघ ; वायु ; विमान
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गोलक
गोलोक
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गोला
गोल आकृति का, गोलाकार,
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गौहर
मोती, मुक्ता
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जलज
जल में उत्पन्न होने वाला, जो जल में उत्पन्न हो
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ढेर
नीचे ऊपर रखी हुई बहुत सी वस्तुओं का समूह जो कुछ ऊपर उठा हुआ हो, राशि, अटाला, अंबार, गंज, टाल, क्रि॰ प्र॰—करना, —लगाना
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तार
रूपा , चाँदी
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तारक
नक्षत्र , तारा
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तारा
तालाब
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तारावली
तारकपंक्ति, तारों का समूह
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दधिसुत
कमल
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दर्दुर
मेक, मेढ़क, मेघ, बादल
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देवता
'देखें' देव
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देह
शरीर, तनु, शरीर का कोई अंग
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नखत
दे०-नक्षत्र
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नभचर
'नक्षश्चर'
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पक्षी
पक्षी , पखेरू
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पिंड
ठोस, घन, सघन, गुद्देदार खजूर
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पुतली
लकड़ी, मिट्टी, धातु, कपड़े आदि की बनी हुई स्त्री की आकृति या मूर्ति विश्षतः वह जो विनोद या क्रीड़ा (खेल) के लिए हो, गुड़िया
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बादल
पृथ्वी पर के जल (समुद्र, झील, नदी आदि के) से उठी हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में छा जाती है और फिर पानी की बूँदों के रूप में गिरती है , मेघ , घन
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बिंबिनी
आँख की पुतली, तारा, कनीनिका
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भूरुह
वृक्ष, पेड़
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भोजन
अन्न-वस्त्र
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मजर
आम आदिक फूल जे सीस-सन होइत अछि
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महाविद्या
तंत्र में मानी हुई दस देवियाँ जिनके नाम इस प्रकार हैं—(१) काली, () तारा, (३) षोडशी, (४) भुवनेश्वरी, (५) भैरवी, (६) छिन्नमस्ता, (७) धूमावती, (८) बगलामुखी, (९) मातंगी और (१०) कमलात्मिका, इन्हें सिद्ध विद्या भी कहते हैं, कुछ तांत्रिकों का यह मत है कि इन्हीं दस महविद्याओं ने दस अवतार धारण किए थे
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मुक्ता
मोती
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मुक्ताफल
मोती
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मोती
मोती
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मौक्तिक
मोतिक बनल
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राशि
ढेर, पुश्च
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लक्ष
लाख
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लक्ष्मी
एक प्रकार की संकर रागिनी जिसमें सब कोमल स्वर लगते हैं
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विद्याधर
एक प्रकार की देव योनि
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शशिप्रभ
वह जिसकी प्रभा चंद्रमा के समान हो
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शुक्तिज
मुक्ता, मोती
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शौक्तिक
मोती
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शौक्तिकेय
मोती, जो शुक्ति या सीपी से उत्पन्न होता है
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