पांडुर के पर्यायवाची शब्द
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अर्जुन
वह वृक्ष जो दक्खिन से अवध तक नदियों के किनारे होता है
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अवदात
शुभ्र, उज्वल, श्वेत
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अवलक्ष
सफे़द वर्ण या रंग
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उजला
धोबी
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उज्ज्वल
शुभ, भास्वर
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कटुक
कडुआ, कटू
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कषाय
ओहन स्वादबाला जेहन सुपारीक होइत अछि
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कुटक
हल का फल
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कुटज
वनचमेली , कुरैया
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केसरिया
पीला जिसमें केसर मिली हो
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खरु
अश्व, घोड़ा, दाँत
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गिरिमल्लिका
कुटज, कुरैया
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गौर
गोर वर्णक
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घट
कमना, कमी, घटना
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चंपई
चंपा फूल के रंग का, पीले रंग का, संजा; पीला रंग
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चमकीला
जिसमें चमक हो, चमकने वाला, चमकदार, ओपदार, प्रकाशमान, जिसमें खूब चमक-दमक हो
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ज़ाफ़रानी
केसरिया, केसर के रंग का, केसर का सा पीला, जैसे, जाफरानी रंग, जाफरानी कपड़ा
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दृढ़तरु
धव का पेड़
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धव
पति, स्वामी, एक पेड़ जिसकी जड़ फूल पत्ती आदि दवा के काम आते हैं
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धवल
श्वेत
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धावा
आक्रमण, चढाई
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धुरंधर
भार उठानेवाला, बोझा ढोने वाला
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धौ
एक ऊँचा झाड़ या सदाबाहार पेड़ जो हिमालय पर 5000 फुट की ऊँचाई तक होता है और भारतवर्ष में प्राय: सर्वत्र जंगलों में मिलता है
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नंदितरु
धव का पेड़
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नारंगी
नींबू प्रजाति का एक मीठा रसीला फल |
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निर्मल
(वस्तु) जिसमें मल या मलिनता न हो, मलरहित, साफ़, स्वच्छ
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निष्प्रभ
जिसमें किसी प्रकार की प्रभा या चमक न हो, प्रभाशून्य, तेजरहित
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पांडु
पांडुफली , पारली
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पांडुतरु
धौ का पेड़
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पिंगल
ताँबे के रंग का, पीला, पीत
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पिशाचवृक्ष
शाखोट वृक्ष, सिहोर का पेड़
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पीत
पिया हुआ, जिसका पान किया गया हो
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पीला
हलदी, सोने या केसर के रंग का (पदार्थ) , जिसका रंग पीला हो, जो सोने या हल्दी के रंग का हो, पीत वर्ण, केसरिया, प्रतीकात्मक: फीका, आभारहित, निष्प्रभ, मुरझाया हुआ(चेहरा)
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बसंती
वसन्तऋतुसम्बन्धी
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मलिन
जो स्वच्छ न हो या जिस पर मैल, धूल आदि हों, मलयुक्त , मैला , गँदला , स्वच्छ का उलटा
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महागंध
कुटज
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यवफल
इंद्रिजौ
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राम
श्रीरामचन्द्र, परशुराम, बलराम, दम, तथ्य, हे राम, सत्य, शक्ति, आन्तरिक सत्य, शक्ति, आत्मशक्ति, शब्द से दुखोद्गार।
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वत्सक
पुष्प कसीस
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वलक्ष
धवल, श्वेत
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विवर्ण
(साहित्य) एक भाव जिसमें भय, मोह, क्रोध, लज्जा आदि के कारण नायक या नायिका के मुख का रंग बदल जाता है
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विशद
स्वच्छ, विमल, निर्मल, उज्ज्वल
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शक्र
दैत्यों का नाश करने वाले, इंद्र, एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं
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शिति
श्वेत , सफेद
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शुक्ल
सफेद, उजला, धवल, श्वेत, स्वच्छ
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शुचि
भारतीय महीनों में ज्येष्ठ के बाद का और श्रावण के पहले का महीना जो अंग्रेजी महीने के जून और जुलाई के बीच में आता है
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शुभ्र
श्वेत, सफेद
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शुष्कवृक्ष
धव का वृक्ष, धौ
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श्वेत
सफेद रंग, श्वेत वर्ण
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संग्राही
वह पदार्थ जो कफादि दोष, धातु, मल तथा तरल पदार्थों को खींचता हो
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