पलाश के पर्यायवाची शब्द
-
अंकुश
एक प्रकार का छोटा शस्त्र या टेढ़ा काँटा जिसे हाथी के मस्तक में गोदकर महावत उसे चलाता या हाँकता है , हाथी को हाँकने का दोमुहाँ काँट या भाला जिसका एक फल झुका होता है , आंकुस , दगजबाग , शृणि
-
अदेव
वह जो देवता न हो
-
असुर
राक्षस,दैत्य, नीच वृत्ति का पुरुष
-
इष्टगंध
सुंगंधित वस्तु
-
करक
कमंडलु, करवा
-
कर्बुर
सोना, स्वर्ण
-
कल्माष
चितकबरा रंग
-
काष्ठद्रु
पलास वृक्ष
-
किंशुक
पलास
-
कृमिघ्न
कान के रोग की ओषधि के रूप में काम में आनेवाला पौधा, सुदर्शन
-
केसू
टेसू , पलाश
-
कौणप
मृत शरीर खानेवाला, राक्षस
-
क्षपाट
राक्षस
-
क्षारश्रेष्ठ
वज्रक्षार
-
टेसू
आँसू, पलास का फूल
-
तमीचर
निशाचर, राक्षस, दैत्य, दनुज
-
तापस
तेजपात
-
तेजपत्र
तेजपत्ता, एक जंगली वृक्ष का पत्ता जो सुगंधित होता है और इसी लिये मसाले में पड़ता है, इसके वृक्ष सिलहट की पहाड़ियों पर बहुत होते हैं, इसे तेजपत्ता और तेजपात भी कहते हैं
-
तेजपात
एक वृक्ष जकर पातक मसाला होइछ
-
त्रिपत्रक
पलाश का वृक्ष, ढाक का पेड़
-
दनुज
कश्यप के वे पुत्र जो उनकी दनु नाम की पत्नी से उत्पन्न हुए थे और जो देवताओं के घोर शत्रु थे, असुर, राक्षस, दानव
-
दानव
राक्षस
-
दितिसुत
दैत्य, राक्षस, असुर
-
दैतेय
दिति से उत्पन्न
-
दैत्य
(पुराण) दिति की संतति, कश्यप के वे पुत्र जो दिति नाम्नी स्त्री से पैदा हुए थे, असुर, दानव
-
निशाचर
राक्षस, रजनीचर
-
नैऋत
'नैऋत्य'
-
पंख
पक्षियों का वह अंग जिनके सहारे वे हवा में उड़ते हैं; डैना; पर
-
पक्ष
किसी स्थान या पदार्थ के वे दोनों छोर या किनारे जो अगले और पिछले से भिन्न हों, किसी विशेष स्थिति से दाहिने और बाएँ पड़ने वाले भाग, ओर, पार्श्व, तरफ़
-
पत्ता
पर्ण, पत्र, ताश का कार्ड
-
पत्र
चिट्ठी पहुँचओनिहार
-
पाँख
पक्षी का डैना, पंख, पर
-
पाकरंजन
तेजपत्ता
-
पूर्वदेव
नर और नारायण
-
ब्रह्मवृक्ष
पलाश वृक्ष
-
मनुजाद
राक्षस
-
याज्ञिक
यज्ञ करने या करानेवाला
-
यातुधान
राक्षस
-
रक्तपुष्पक
पलास का पेड़
-
रक्ष
रक्षक, रखवाला
-
राक्षस
निशाचर , दैत्य , असुर
-
राम
श्रीरामचन्द्र, परशुराम, बलराम, दम, तथ्य, हे राम, सत्य, शक्ति, आन्तरिक सत्य, शक्ति, आत्मशक्ति, शब्द से दुखोद्गार।
-
रोमश
अधिक और बड़े रोएँ वाला, रोएँदार,
-
वातपोथ
पलाश, एक पेड़ जिसमें लाल पुष्प लगते हैं
-
वास
निवास, रहना, निवास स्थान, घर, मकान,
-
शुक्रशिष्य
दैत्य, असुर
-
संध्याबल
निशाचर, राक्षस, निश्चर
-
सुपर्णी
गरुड़
-
सुरद्विष
धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं
-
सुरशत्रु
असुर
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा