पिंगल के पर्यायवाची शब्द
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अंगति
अग्निहोत्री
- अग्नि
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अतिथि
घर में आया हुआ अज्ञातपूर्व व्यक्ति, वह जिसके आने का समय निश्चित न हो, बाहर से आने वाला आगंतुक, अभ्यागत, मेहमान, पाहुन, किसी होटल, सराय आदि का ग्राहक
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अनल
अग्नि, आग
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अमरसी
आम के रस की तरह पीला, सुतहला, यह रंग छटाँक हलदी और आठ माशे चूना मिलाकर बनता है
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अमिताशन
जो सबकुछ खाता हो, सर्वभक्षी
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आग
तेज़ और प्रकाश का पुंज जो उष्णता की पराकाष्ठा पर पहुँची हुई वस्तुओं में देखा जाता है, अग्नि, बैसंदर
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उलूक
उल्लू
- उल्लू
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और्व
भृगुवंशीय ऋषि
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कंठीरव
सिंह
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कुंत
गवेधुक, कौड़िल्ला, केसई
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कुतप
दिन का आठवां मुहुर्त जो मध्याह्न समय में होता है
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कपि
बंदर
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कपिल
भूरा, मटमैला, तामड़ा रंग का, मिट्टी के रंग का
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कपिला
कपिला रंग की, भूरे रंग की, मटमैले रंग की
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क्रव्याद
मांस खानेवाला, वह जो मांस खाता हो, जैसे, राक्षस, गिद्ध, सिंह आदि
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करिदारक
सिंह, शेर
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कुलाल
मिट्टी के बरतन बनानेवाला , कुम्हार
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केशरी
'केसरी'
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कृशानु
अग्नि, आग
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क्षुद्रसुवर्ण
पीतल
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केसरिया
केसर के रंग का, केसर के रंग में रँगा हुआ
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केसरी
सिंह, घोड़ा
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काकरुक
उल्लू
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काकारि
उल्लू
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कांची
स्त्रियों द्वारा कमर में धारण की जाने वाली करधनी, मेखला, क्षुद्रघंटिका
- कीश
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कौशिक
इंद्र
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गंधकी
गंधक के रंग का, हलका पीला
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गोलांगूल
एक प्रकार का बंदर जिसकी पूँछ गौ की पूँछ के समान होती है
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घूक
घूग्घू, उल्लू पक्षी, रुरुआ
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घुग्घू
उल्लू नाम की चिड़िया, उलूक
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चंपई
चंपा के फूल के रंग का, पीले रंग का, चंपाई
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छंदशास्त्र
वह शास्त्र जिसमें छंद के बारे में जानकारी दी जाती हो
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जन्यु
अग्नि
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जंभारि
इंद्र
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जल्ह
जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप
- ज्वाला
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जातवेद
अग्नि
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ज़ाफ़रानी
केसरिया, केसर के रंग का, केसर का सा पीला, जैसे, जाफरानी रंग, जाफरानी कपड़ा
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झंपी
कपि, झंपाक, बंदर
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तमचर
राक्षस, निशाचर
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दंभ
महत्व दिखाने या प्रयोजन सिद्ध करने के लिए झूठा आडंबर, धोखे में डालने के लिए ऊपरी दिखावट, पाखंड, अपने आपको औरों से बहुत अधिक योग्य, समर्थ या बढ़कर समझने का भाव
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दरभ
बंदर
- दवा
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दहन
जलने की क्रिया या भाव, भस्म होने या करने की क्रिया, दाह, जैसे— लंकादहन
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दिवांध
जिसे दिन में न सूझे, जिसे दिनौंधी हो, जिसे दिन में दिखाई न देता हो
- दीप्त
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