पिप्पल के पर्यायवाची शब्द
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अक्षर
अच्युत, स्थिर
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अक्षित
क्षय न होने वाला, जिसका क्षय न हुआ हो
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अच्युतवास
वह वृक्ष जिसमें अत्युत अर्थात् विष्णु का निवास हो, पिपल का वृक्ष
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अधोगति
पतन, गिराव, गिरावट, उतार, महत्त्व या प्रतिष्ठा मान आदि न रह जाने की स्थिति या भाव
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अप
उलटा , विरुद्ध , बुरा , हीन , अधिक
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अंबु
आम, रसाल
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अंभ
जल, पानी
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अभ्रपुष्प
बेंत, बेंत का डंठल जिसका उपयोग छड़ी के रूप में किया जाता है
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अमृत
वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है, पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक, सुधा, पीयूष, निर्जर
- अर्ण
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अश्वत्थ
एक प्रसिद्ध बड़ा वृक्ष जो हिंदुओं तथा बौद्धों में बहुत पवित्र माना जाता है, पीपल, क्षीरद्रुम, महाद्रुम
- आप
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आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
- इरा
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ऊर्ज
बलवान, शक्तिमान, बली
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ऋत
उंछवृत्ति
- ऋतु
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ओज
विषम, अयुग्म
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क
हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण कंठ से होता है, इसे स्पर्श वर्ण भई कहते हैं, ख, ग, घ और ङ इसके सवर्ण हैं
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कं
जल
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कुंजराशन
पीपल वृक्ष, अश्वत्थ
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कृत्स्न
संपूर्ण, सब, पूरा
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कपीतन
अनेक वृक्षों के नाम, जैसे—अश्वत्थ, अमड़ा, शिरीष, बिल्व आदि
- कबंध
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कंबल
ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा जिसे लोग ओढ़ते हैं, कमरी, कमली
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कमल
पानी में होनेवाला एक पौधा
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कर्बुर
सोना, स्वर्ण
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कुलीन
उत्तम या प्रसिद्ध कुल में उत्पन्न; ख़ानदानी; अभिजात
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कुलीनक
जंगली मूँग या मुदग
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कुलीनस
पानी, जल, वारी
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कश
चाबुक
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कुश
कड़ी और नुकीली पत्तियों वाली एक प्रसिद्ध घास जिसकी पत्तियाँ हिंदुओं की पूजा, यज्ञ आदि में काम आती हैं; दर्भ, काँस की तरह की एक पवित्र और प्रसिद्ध घास , डाभ , दर्भ
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केशवालय
वासुदेव पृक्ष, पीपल
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क्षर
जिसका क्षरण होता हो या होने को हो, नाशवान्, नश्वर, नष्ट होनेवाला
- क्षीर
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क्षीरद्रुम
अश्वत्थ
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क्षोद
चूर्ण, बुकनी, सफूफ
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काड
एक प्रकार की मछली जो उत्तर की और ठंढे समुद्रों में पाई जाती है
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
- कीलाल
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गजभक्षक
पीपल
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गजाशन
पीपल
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गंभीर
जिसकी थाह जल्दी न मिले, नीचा, गहरा
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गहन
गंभीर, इतना या ऐसा गहरा जिसकी थाह जल्दी न मिले (जलाशय), गहरा, अथाह
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गुह्यपुष्प
पीपल
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गो
गाय, गऊ
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घृत
दूध का वह चिकना सार अथवा खाद्य पदार्थ जो मक्खन को गर्म कर बनाया जाता है, तपाया हुआ मक्खन, घी
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घनरस
जल, पानी
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चैत्यवृक्ष
चैत्यतरु
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