प्राणी के पर्यायवाची शब्द
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अतीत
संगीत में वह स्थान जो सम से दो मात्राओं के उपरांत आता है, यह स्थान कभी-कभी सम का काम देता है
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अध्याय
ग्रंथ, पुस्तक आदि का खंड या विभाग जिसमें किसी विषय या उसके विशेष अंग का विवेचन हो, ग्रंथविभाग
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आत्मा
प्राणीक चेतन तत्त्व, स्व
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उत्सर्ग
त्याग , छोड़ना
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उद्गम
उत्पत्ति स्थान ; स्थान जहाँ से नदी निकलती है
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औलाद
संतान, पुत्र-पुत्री; वंश परम्परा, किसी के बाद की पीढ़ी
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कर
कर, टैक्स
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
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क़ुदरत
वह मूल शक्ति जिसने अनेक रूपात्मक जगत का विकास किया है और जिसका रूप दृष्यों में दिखाई देता है, प्रकृति
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कुलि
'कुल'
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गत
गया हुआ, बीता हुआ
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गति
चाल, वेग, दुगति, हालत
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गमन
चालि, गति
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चेतन
जीव आत्मा
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जंतु
'देखें' जन्तु
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जग
संसार, विश्व, दुनिया
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जगत
संसार, चबूतरा
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जन्मी
प्राणी, जीव
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जन्यु
अग्नि
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जागतिक
जगतसंबंधी, सांसारिक
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जानवर
असभ्य, भोडा, मूर्ख, हैवान, असुसंस्कृत |
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जीव
प्राण, प्राणी।
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जीव
जीवित रहना
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जीवक
सजीव प्राणी या वह जिसमें प्राण हो, प्राण धारण करने वाला
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जीवधारी
प्राणी
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जीवात्मा
चेतना, प्राणी।
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जीवित
जीता हुआ, जिंदा, सप्राण
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दल
किसी वस्तु के उन दो सम खंडों में से एक जो एक-दूसरे से स्वभावतः जुड़े हुए हों पर जरा सा दबाब पड़ने से अलग हो जायँ
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दुनियावी
इस लोक या इस संसार से सम्बन्ध रखनेवाला
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देहधारी
शरीर को धारण करने वाला, जिसे शरीर हो, प्राणी, शरीरी, अंगधारी, देहवान
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देही
(देह को धारण करने वाला) जीवात्मा , आत्मा, देहधारी, शरीर
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द्रव्य
वस्तु, पदार्थ, चीज़, धन-सम्पत्ति, दौलत
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पंचशाख
हाथ
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पशु
लांगूलविशिष्ट चतुष्पद जंतु , चार पैरों से चलनेवाला कोई जंतु जिसके शरीर का भार खड़े होने पर पैरों पर रहता हो , रेंगनेवाले, उड़नेवाले, जल में रहनेवाले जीवों तथा मनुष्यों को छोड़ कोई जानवर , जैसे, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, ऊँट, बैल, हाथी, हिरन, गीदड़, लोमड़ी, बंदर इत्यादि
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पिशाच
निम्न कोटि के और वीभत्स कर्म करने वाली एक हीन देवयोनि, एक हीन देवयोनि , भूत
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पुरुष
दे. पुरुख
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प्रकरण
उत्पन्न करना , अस्तित्व में लाना
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रेत
भूत, मृत शरीर की आत्मा; नरकवासी प्राणी
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ब्रह्म
ब्राह्मण सम्बन्धी |
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भिखारी
भीख मांगने वाला; याचक; रंक, दरिद्र
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भुज
पेठा, पेठे की मिठाई को भुजे मिठ कहा जाता है; खूब मोटे और भारी-भरकम आदमी को भी 'भुज जस' कहते हैं
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भुजा
कन्धे से पंजे तक का वह अंग जिससे चीजें पकड़ते और काम करते हैं, बाँह , हाथ
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भुवन
सृष्टि।
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भूत
वे भूल द्रव्य जो सृष्टि के मुख्य उपकरण है और जिनकी सहायता से सारी सृष्टि की रचना हुई है , द्रव्य , महाभूत
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मर
मरना, मरा हुआ, मृतक।
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मर्त्य
भूलोक, पृथ्वी
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लोक
लोग, जन, इहलोक, परलोक,पृथ्वी।
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लौकिक
लोकसम्बन्धी, सामाजिक, सांसारिक; आधिभौतिक
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विगत
जो गत हो गया हो , जो बीत चुका हो
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