प्रकार के पर्यायवाची शब्द
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अनुकरणीय
अनुकरण करने लायक़, नक़ल करने योग्य, पीछे चलने योग्य, अनुगमनीय
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अनुक्रम
क्रमबद्ध, सिलसिलेवार, तरतीबवार
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अनिर्णय
निर्णय का न होना, निर्णयहीनता, अनिश्चय, असमंजस, दुविधा
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अनिश्चय
संदेह, निश्चय का अभाव, निश्चय न होने की स्थिति, असमंजस, दुविधा
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
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आदर्श
दर्पण , शीशा , आईना
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आरसी
शीशा, आईना, दर्पण, वह शीशा जिसमें मुँह आदि देखते हैं
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उपाय
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए, पास पहुँचना, निकट आना
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एकार्थ
समान अर्थवाला, एक ही अर्थवाला
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क़िस्म
'किसम'
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गुण
किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह बात जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से पहचानी जाए, वह भाव जो किसी वस्तु के साथ लगा हुआ हो, धर्म, सिफ़त
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टहनी
वृक्ष की बहुत पतली शाखा, पेड़ की डाल के छोर पर की कोगल, पतली और लचीली उपशाखा जिसमें पत्तियाँ लगती हैं, जैसे, नीम की टहनी
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डाल
डेलिया, चँगेरी
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ढंग
क्रिया, प्रणाली, शैली, ढब, रीति, तोर, तरीका, जैसे,—(क) वोलने चालने ता ढंग, बैठने उठने का ढंग, (ख) जिस ढंग से तुम काम करते हो वह बहुत अच्छा हैं
- ढब
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तरह
प्रकार , भाँति , किस्म , जैसे,—यहाँ तर तरह की चीजें मिलती हैं
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तौर
एक प्रकार का यज्ञ
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दर्पण
वह काँच जो प्रतिबिंब के द्वारा मुँह देखने के लिए सामने रखा जाता है, आईना, आरसी
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दल
किसी वस्तु के उन दो सम खंडों में से एक जो एक-दूसरे से स्वभावतः जुड़े हुए हों पर जरा सा दबाब पड़ने से अलग हो जायँ
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दैव
देवता संबंधी, जैसे, दैव कार्य, दैवश्राद्ध
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नमूना
किसी बड़े या अधिक पदार्थ में से निकाला हुआ वह छोटा या थोड़ा अंश जिसका उपयोग उस मुल पदार्थ के गुण और स्वरूप आदि का ज्ञान कराने के लिये होता है, बानगी, जैसे, कपड़े का नमुना, चावल का नमूना
- नियति
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पद्धति
राह, पथ, मार्ग, सड़क
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रणाली
पानी निकलने का मार्ग, नाली
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प्रतिकृति
प्रतिमा, प्रतिमूर्ति
- पर्याय
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परिपाटी
क्रम, श्रेणी, सिलसिला
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बनावट
बनने या बनाने का भाव, रचना, गढ़त, जैसे,—इन दोनों कुरसियों की बनावट में बहुत अंतर है
- भेद
- भ्रम
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भाग्य
वह अवश्यंभावी दैवी विधान जिसके अनुसार प्रत्येक पदार्थ और विशेषतः मनुष्य के सब कार्य उन्नति, अवनति नाश आदि पहले ही से निश्चित रहते हैं और जिससे अन्यथा और कुछ हो ही नहीं सकता, पदार्थों और मनुष्यों आदि के संबंध में पहले ही से निश्चित और अनिवार्य व्यवस्था या क्रम, तकदीर, क़िस्मत, नसीब
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युक्ति
उपाय, ढंग, तरकीब
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रचना
कोई चीज़ रचने अर्थात् बनाने की क्रिया या भाव, बनावट, निर्माण
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रूप
किसी पदार्थ का वह गुण जिसका बोध द्रष्टा , को चक्षुरिंद्रिय द्बारा होता है , पदार्थ के वर्णो और आकृति का योग जिसका ज्ञान आँखों को होता है , शकल , सूरत , आकार
- रीति
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लक्षण
किसी पदार्थ की वह विशेषता जिसके द्वारा वह पहचाना जाए, वे गुण आदि जो किसी पदार्थ में विशिष्ट रूप से हों और जिनके द्वारा सहज में उसका ज्ञान हो सके, चिह्न, निशान, आसार
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लंका
भारत के दक्षिण का एक टापू जहाँ रावण का राज्य था, लोगों का विश्वास है कि रावण के समय यह टापू सोने का था
- लय
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लावण्य
लवण का धर्म या भाव, नमकपन,लवणत्व
- विकल्प
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विधा
माध्यम, रीति, रूप, ढंग
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विधाता
विधान करनेवाला, रचनेवाला, बनानेवाला
- विधान
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विधि
कोई कार्य करने की रीति , कार्यक्रम , प्रणाली , ढंग , नियम , कायदा , जैसे—पूजा की विधि, यज्ञ की विधि
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विरंचि
सृष्टि रचनेवाला, ब्रह्मा, विधाता
- शंका
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शैली
चाल, ढब, ढंग
- शाखा
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शिखा
मुंडन के समय सेर के बीचोबीच छोड़ा हुआ बालों का गुच्छा जो फिर कटाया नहीं जाता और हिंदुओं का एक चिह्न है , चोटी , चुटैया
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