प्रण के पर्यायवाची शब्द
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अनुष्ठान
कृत्यक सम्पादन
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अभ्यास
समीप, निकट
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अवलंब
आश्रय, आधार, सहारा, भरोसा, शरण, पड़ाव, जीवन निर्वाह का आधार
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आदत
स्वभाव , प्रकृति
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आश्रय
वह जिसका सहारा लेकर या जिसके आसरे पर रहा जाय, अवलंब, सहारा
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आस्था
श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा
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इक़रार
प्रतिज्ञा, वचन वद्धता, वायदा
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खंभा
लकड़ी का पाया
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जिद
हट, दुराग्रह
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टेक
गोल वस्तु को ढुलकने से रोकने के लिए लगाया जाने वाला पत्थर आदि, गीत की वह कड़ी जिसे बार-बार दुहराया जाता है, जिद,
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तोबा
किसी काम के न करने का प्रण
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थूनी
(स्तंभ) खम्भा, चांड़
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धार्मिक कृत्य
परोपकार, दान, सेवा आदि कार्य जो शुभ फल देते हैं
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नियम
विधि या निश्चय के अनुकूल प्रातिबंध, परिमिति, रोक, पाबंदी, नियंत्रण
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निश्चय
पक्का, अवश्य
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निष्ठा
स्थिति ; एकाग्रता ; दृढ़ता; विश्वास ; अनुराग ; श्रद्धा; निष्पत्ति
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पनसाल
वह स्थान जहाँ सर्व- साधारण को पानी पिलाया जाता है, पानी पिलाने का सार्वजनिक स्थान; प्याऊ; पौसरा, पानी की सबील, प्याउ
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पश्चाताप
अपनी गलती का एहसास होने पर मन में होने वाला दुःख
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पानीयशाला
वह स्थान जहाँ प्यासों को पानी पिलाया जाता है, जलसत्र, पौसरा, प्याऊ
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पौ
पौसाला, पौसला, प्याऊ
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पौसरा
'पौसला'
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पौसार
करघाक ओ अङ्ग जाहिपर पाएर राखल जाइछ
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प्याऊ
पिलाने वाला
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प्रतिज्ञा
किसी कार्य को करने न करने का संकल्प; प्रतिज्ञा-पत्र, किसी वस्तु इकरारनामा, शर्तनामा
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प्रपा
पौसरा, प्याऊ, वह स्थान जहाँ प्यासों को पानी पिलाया जाता है
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प्रायश्चित
शास्त्रानुसार वह कृत्य जिसके करने से मनुष्य के पाप छूट जाते हैं, कोई पाप करने पर उसके दोष से मुक्त होने के लिए किया जाने वाला कोई धार्मिक या अच्छा काम
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बान
शालि या जड़हन को रोपने के समय उतनी पेड़ियाँ जो एक साथ लेकर एक थान में रोपी जाती हैं , जड़हन के खेत में रोपी हुई धान की जूरी , क्रि॰ प्र॰—बैठाना , —रोपना
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भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
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वचन
मुख से निकला हुआ वचन, वाक्य, वाणी, भाषा, उक्ति, व्याकरण में शब्द का वह विधान जिससे एक या अनेक अर्थ का बोध होता हो
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वादा
(१) नियत समय या घड़ी
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वायदा
किसी से दृढ़ता या प्रतिज्ञापूर्वक यह कहने की क्रिया कि हम अमुक काम अवश्य करेंगे अथवा कभी नहीं करेंगे
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विचार
निर्णय, भावना, न्यायालय, का वादी प्रतिवादी के विषय में निश्चय
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व्रत
कार्तिक तथा चैत शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला व्रत जिसमें सूर्य की पूजा होती है, छठ व्रत
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शपथ
वह कथन जिसके अनुसार कहने वाला इस बात की प्रतिज्ञा करता है कि यदि मेरा कथन असत्य हो, मैंने अमुक काम किया हो, मैं अमुक काम करुँ या न करुँ इत्यादि, तो मुझपर अमुक देवता का शाप पड़े अथवा मैं अमुक पाप का भागी होऊँ आदि, क़सम, सौगंध
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संकल्प
कोई कार्य करने की वह इच्छा जो मन में उत्पन्न हो, विचार, इरादा
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संयम
रोक, दाब, वश में रखने की क्रिया या भाव
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संस्कार
आवश्यक धार्मिक कृत्य जो जन्म से मरण पर्यन्त चलते हैं।
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सहारा
जिस पर कोई दूसरी चीज़ खड़ी या टिकी रहती हो, आश्रय, आसरा, अवलंब, आधार, टेक
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हठ
दृढ़ प्रतिज्ञा, संकल्पित
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