रमण के पर्यायवाची शब्द
-
अंगज
शरीर से उत्पन, तन से पैदा, जो अंग से उत्पन्न हुआ हो
-
अतनु
शरीररहित, बिना देह का, बीना अंस का
-
अदेह
बिना शरीर का
-
अनंग
बिना शरीर का, देहरहित
-
अनन्यज
कामदेव
-
अनुरक्ति
आसक्ति, अनुराग, प्रीति, भक्ति
-
अनुराग
प्रीति, प्रेम, असक्ति, प्यार, मुहब्बत, लगाव
- अनलमुख
-
अभिरूप
प्रिय, रमणीय, मनोहर, सुंदर, सुगठित
- आत्मज
-
आत्मभू
अपने शरीर से उत्पन्न
-
आत्मसमुद्भव
जो स्वयं उत्पन्न या पैदा हुआ हो, अपने ही आप उत्पन्न
-
आनंदप्रद
जो आनंद देनेवाला हो, आनंददायक
-
आयोजन
कार्यक्रम, समारोह
-
इष्म
इच्छुक
- उल्लास
-
कंजन
कामदेव
-
कंतु
प्रसन्न
- कंदर्प
-
कमन
कामुक, कामी
-
क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
-
कलाकेलि
कामदेव
-
केलि
खेल , क्रीड़ा
-
कृष्णी
अंधकारमयी रात्रि, अँधियारी रात
-
कुसुमशर
'कुसुमबाण'
-
कुसुमसर
कामदेव
-
कुसुमायुध
कामदेव, ई॰— 'प्रियवर', मैं तव ह्वद्रय की नहीं जानती बात, संतापित करता मुझे कुसुमायुध दिन रात, —शकुं, पृ॰,
- कांत
- काम
-
कामक्रीड़ा
कामकेलि, संभोग, रतिक्रिया, रतिक्रीड़ा
-
कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
- कामद
-
कामदेव
स्त्री पुरुष के संयोग की प्रेरणा करने वाला एक पौराणिक देवता जिसकी स्त्री रति, साथी बसंत, वाहन कोकिल, अस्त्र फूलों का धनुष बाण है तथा उसकी ध्वजा पर मीन और मकर का चिन्ह है, मदन, कंदर्प, ब्रहमसु, ऋश्वकेतु, मकरध्वज
-
किंकिर
हाथी का मस्तक
-
खेलक
खेलनेवाला व्यक्ति, वह जो खेले, खिलाड़ी
-
गृत्स
कुशल, दक्ष, प्रवीण
-
गृधु
कामदेव
-
गमन
एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने की क्रिया, प्रस्थान, चलना, यात्रा करना
-
ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
-
घर्षण
रगड़, घिस्सा
-
चैत्रसखा
कामदेव, मदन, एक देवता जो काम के रूप माने जाते हैं
-
तिथ
काल; समय
-
दर्पक
दर्प करने वाला व्यक्ति
-
धव
एक जंगली पेड़ जिसकी पत्तियाँ अमरूद या शरीफे की पत्तियों जैसी होती हैं
-
धानकी
धनुर्धर, धनुर्धारी
-
नंदक
श्रीकृष्ण का खङ्ग या तलवार
-
नंदी
पुराणानुसार भगवान शिव का बैल
-
नवरंगी
नित्य नए आनंद करनेवाला
-
निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
-
पंचशर
कामदेव के पाँच वाण
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा