रस के पर्यायवाची शब्द
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अक्षर
अच्युत, स्थिर
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अक्षित
क्षय न होने वाला, जिसका क्षय न हुआ हो
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अंध
जिसे दिखाई न देता हो, नेत्रहीन , बिना आँख का , अंधा , जिसकी आँखों में ज्योति न हो , जिसमें देखने की शक्ति न हो
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अधोगति
पतन, गिराव, गिरावट, उतार, महत्त्व या प्रतिष्ठा मान आदि न रह जाने की स्थिति या भाव
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अप
उलटा , विरुद्ध , बुरा , हीन , अधिक
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अंबु
आम, रसाल
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अंभ
जल, पानी
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अमृत
वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है, पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक, सुधा, पीयूष, निर्जर
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अर्क
सूर्य
- अर्ण
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आनंद
हर्ष, प्रसन्नता, ख़ुशी, सुख, मोद, आह्लाद
- आप
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आमोद-प्रमोद
भोग-विलास, सुख-चैन, हँसी-खु़शी, रंग-रलियाँ
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आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
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आर्द्रता
गीलापन, नमी, शीतलता, ठंडक, हवा में होने वाली भाप की मात्रा
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आसव
वह मद्य जो भभके से न चुआई जाए, केवल फलों के ख़मीर को निचोड़कर बनाई जाए
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आस्वाद
रस, स्वाद, ज़ायक़ा, मज़ा, स्वाद, लज़्ज़त, खाने-पीने की चीज़ मुँह में पड़ने पर उससे जीभ को होने वाला
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इंगुर
'ईगुर'
- इरा
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ईंगुर
एक खनिज पदार्थ जो चीन आदि देशों में निकलता हैं , इसकी ललीई बहुत चटकीली और सुंदर होती है , लाल वस्तुओं की उपमा ईगुर से दी जाती है , हिंदू सौभाग्यवती स्त्रियाँ माथे पर शोभा के लिये इसकी बिंदी लगाती हैं , इससे पारा बहुत निकाल जाता हैं
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उंद
नीचे, नीचे की तरफ, उतराई की ओर
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उपभोग
आनंद या सुख प्राप्त करने के लिए किसी वस्तु का भोग करना या उसे व्यवहार में लाना, किसी वस्तु के व्यवहार का सुख, मज़ा लेना
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उरु
विस्तीर्ण, लंबा चौड़ा
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ऊर्ज
बलवान, शक्तिमान, बली
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ऋत
उंछवृत्ति
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ऋतु
प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो-दो महीनों के छह विभाग, मौसम
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ओज
विषम, अयुग्म
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क
हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण कंठ से होता है, इसे स्पर्श वर्ण भई कहते हैं, ख, ग, घ और ङ इसके सवर्ण हैं
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कदला
पृश्नि
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कपिशीर्षक
हिंगुल
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कबंध
पीपा , कंडल
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कंबल
ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा जिसे लोग ओढ़ते हैं, कमरी, कमली
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कर्बुर
सोना, स्वर्ण
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्षत्र
बल
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क्षर
जिसका क्षरण होता हो या होने को हो, नाशवान्, नश्वर, नष्ट होनेवाला
- क्षीर
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क्षीरपर्णी
मंदार, आक
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क्षोद
चूर्ण, बुकनी, सफूफ
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काड
एक प्रकार की मछली जो उत्तर की और ठंढे समुद्रों में पाई जाती है
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
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काढ़ा
औषधियों आदि को पानी में उबालकर बनाया हुआ रस
- किश्ती
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कीटघ्न
कृमिनाशक, कीटाणुनाशक
- कीलाल
- गूदा
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गंधपाषाण
गंधक
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गंभीर
जिसकी थाह जल्दी न मिले, नीचा, गहरा
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गहन
गंभीर, इतना या ऐसा गहरा जिसकी थाह जल्दी न मिले (जलाशय), गहरा, अथाह
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