रूप के पर्यायवाची शब्द
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
- आकार
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आकार प्रकार
किसी वस्तु की वे बाहरी और दृश्य बातें जिनसे उसकी लंबाई, चौड़ाई, प्रकार, स्वरूप आदि का ज्ञान होता है
- आडंबर
- आमिष
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उत्कोच
कोई कार्य अपने अनुकूल कराने के लिए अनुचित रीति से दिया जाने वाला या लिया जाने वाला द्रव्य आदि, घूस, रिश्वत
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कलेवर
शरीर, देह, चोला
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कांति
पति, शौहर
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गठन
बनावट
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गुण
किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह बात जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से पहचानी जाए, वह भाव जो किसी वस्तु के साथ लगा हुआ हो, धर्म, सिफ़त
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गात
शरीर, काया, जिस्म, बदन, देह, तन
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गात्र
अंग, देह, शरीर
- चैतन्य
- चमक
- चेहरा
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चिह्न
वह लक्षण जिससे किसी चीज की पहचान हो, निशान
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छवि
आभामंडल, प्रभाव, स्वरूप (व्यक्तित्व)
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जननेंद्रिय
वे जननांग जो बाहर से दिखाई देते हैं
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ढंग
क्रिया, प्रणाली, शैली, ढब, रीति, तोर, तरीका, जैसे,—(क) वोलने चालने ता ढंग, बैठने उठने का ढंग, (ख) जिस ढंग से तुम काम करते हो वह बहुत अच्छा हैं
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ढाँचा
किसी वस्तु की रचना की प्रारंभिक अवस्था में स्थूल रूप से संयोजित अंगों की समष्टि, किसी चीज को बनाने के पहले परस्पर जोड़ जाड़कर बैठाए हुए उसके भिन्न भिन्न भाग जिनसे उस वस्तु का कुछ आकार खड़ा हो जाता है, ठाट, टट्टर, डौल, जैसे,— अभी तो इस पालकी का ढाँचा खड़ा हुआ है, तख्ते आदि नहीं जड़े गए है, क्रि॰ प्र॰—खड़ा करना, —बनाना
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तन
'स्तन'
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तमाशा
वह द्दश्य जिसे देखने से मनोरंजन हो, चित्त को प्रसन्न करनेवाला द्दश्य, जैसे, मेला, थिएटर, नाच, आतिशबाजी आदि
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दमक
चमक, चमचमाहट, द्युति, आभा, एक तरह का प्रकाश
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द्युति
दीप्ति, कांति, आभा, चमक
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देवप्रतिमा
देवता की पाषाण या धातु आदि से निर्मित मूर्ति
- देह
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दिखावा
आडंबर, झूठा- ठाठ, ऊपरी तड़क भड़क
- दीप्ति
- धज
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नाटक
नाट्य या अभिनय करने वाला , नट, अभिनय करने या स्वाँग दिखाने वाला पुरुष
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निशान
तेज़ करना, सान पर चढ़ाना
- निसर्ग
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रकार
भेद, क़िस्म
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प्रतिमा
किसी की वास्तविक अथवा कल्पित आकृति के अनुसार बनाई हुई मूर्ति या चित्र आदि, अनुकृति
- प्रतिरूप
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प्रतीक
प्रतिकूल, विरुद्ध
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प्रभा
दीप्ति , प्रकाश , आभा , चमक
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बनावट
बनने या बनाने का भाव, रचना, गढ़त, जैसे,—इन दोनों कुरसियों की बनावट में बहुत अंतर है
- बलि
- भेद
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भेष
किसी विशिष्ट संप्रदाय का साधु संत, (साधुओं की परि॰)
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मुख
मुँह, नयन
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मनोहरता
मनोहर होने का भाव, सुंदरता
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मूरत
'मूर्ति'
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मूर्ति
किसी के रूप या आकृति के सदृश गढ़ी हुई वस्तु, प्रतिमा, विग्रह, जैसे—कृष्ण की मूर्ति, देवी की मूर्ति
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मूलस्रोत
झरना, नदी आदि की मूख्य धारा या उदगम स्थान
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माँ
जन्म देने वाली स्त्री, माता, जननी
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माधुरी
मधुर होने की अवस्था या भाव, मधुरता, मिठास
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माया
लक्ष्मी
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