साधन के पर्यायवाची शब्द
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अनुग्रह
दूसरे का दुख दूर करने की इच्छा
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अन्न
खाद्य पदार्थ
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अनाज
अन्न, धान्य, नाज, दाना, गल्ला, कुछ पौधों से उत्पन्न होने वाले दाने जो खाने के काम में आते हैं
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अपवर्ग
मोक्ष, निर्वाण, मुक्ति, जन्म मरण के बंधन के छुटकारा पाना
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अभिप्राय
आशय, मतलब, अर्थ, तात्पर्य, गरज
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अभिलाषा
इच्छा, कामना, आकांक्षा, अभिलाष
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अभिसार
साधन, सहाय, सहारा, बल
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अमरपद
जीव के जन्म और मरण के बंधन से छूट जाने की अवस्था, मोक्ष, मुक्ति
- अर्थ
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अस्त्र-शस्त्र
हाथ में लिये हुए तथा हाथ से फेंककर प्रहार करने योग्य हथियार, अस्त्र और शस्त्र
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आद्य
पहला, आदि का, आदिकालीन, आरंभ का, आरंभिक, प्रारंभिक
- आशय
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इच्छा
एक मनोवृत्ति जो किसी ऐसी वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान ले जाती है जिससे किसी प्रकार के सुख की संभावना होती है , कामना , लालसा , अभिलाषा , चाह , ख्वाहिश
- इंद्रिय
- इष्ट
- उद्देश्य
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उपकरण
वह साधन जिससे कोई किसी कार्य को करता है
- उपकार
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उपस्थ
नीचे या मध्य का भाग, पेड़ू
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उपादान
प्राप्ति, ग्रहण, स्वीकार
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उपाय
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए, पास पहुँचना, निकट आना
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ऋत
उंछवृत्ति
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औज़ार
कार्य में सहायक उपकरण जिनसे कार्य सरलता व शीघ्रता से पूर्ण होता है, वे यंत्र जिनसे वैज्ञानिक, इंजिनियर, छात्र, लोहार, बढ़ई आदि अपना काम करते हैं, हथियार, राछ
- के लिए
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कल्याण
मंगल , शुभ , भलाई
- कैवल्य
- क्षेम
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काट-छाँट
काटने और छाँटने की क्रिया या ढंग, कतर-ब्योंत
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कारण
हेतु , वजह , सबब , जैसे, तुम किस कारण वहाँ गए थे
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गल्ला
एक प्रकार का बेत जिसे गोला भी कहतें हैं
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चिन्ह
'चिह्न'
- जीवन
- ढब
- तावीज़
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तोरण
किसी घर या नगर का बाहरी फाटक, बहिर्द्वार, विशेषत: वह द्वार जिसका ऊपरी भाग मंडपाकार तथा मालओं और पताकाओं आदि से सजाया गया हो
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दरवाज़ा
द्वारा , मुहाना
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देवमूर्ति
किसी देवी या देवता की प्रतिमा
- द्वार
- धन
- ध्वज
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धान
तृण जाति का एक पौधा जिसके बीज की गिनती अच्छे अन्नों में है , शालि , व्रीहि
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धान्य
चार तिल का एक परिमाण या तौल
- निमित्त
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नियंत्रक
नियंत्रण करनेवाला, नियम की व्यवस्था करनेवाला, कार्य को चलानेवाला
- निर्गमन
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निर्वाण
(दीपक, अग्नि आदि) बुझा हुआ
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निवृत्ति
मुक्ति, छुटकारा
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निशान
तेज़ करना, सान पर चढ़ाना
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पथ्य
चिकित्सा के कार्य अथवा रोगी के लिए हितकर वस्तु विशेषतः आहार, वह हलका और जल्दी पचने वाला खाना जो रोगी के लिए लाभदायक हो, उपयुक्त आहार, उचित आहार
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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