समागम के पर्यायवाची शब्द
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अनुरक्ति
आसक्ति , प्रीति , रति , भक्ति
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अनुराग
प्रेम,आसक्ति
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आगम
आगमन
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आमदनी
आय, प्रार्ति, आनेवाला धन
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आय
पूरानी या पूरबी हिंदी के 'आसना' या 'आहना' (होना) क्रिया का वर्तमानकलिक रूप, (शुद्ध शब्द 'आहि' है)
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आयोजन
कार्यक्रम, समारोह
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इत्तिफ़ाक़
एक होने की अवस्था या भाव, मेल, मिलाप, एका
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उत्पत्ति
अस्तित्व में आने या उत्पन्न होने की अवस्था, क्रिया या भाव, आविर्भाव, उद्भव
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उत्सव
त्यौहार , पर्व , जलसा
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कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
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कामक्रीड़ा
कामकेलि, संभोग, रतिक्रिया, रतिक्रीड़ा
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
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गमन
प्रस्थान , खानगी
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ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
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घर्षण
रगड़
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जलसा
आनंद-उत्सव; मनोविनोद; सभा, समिति आदि का अधिवेशन या बैठक
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जोड़
जोड़ा ; साथी ; झुंड
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तंत्र
कोई कार्य करने की प्रक्रिया, प्रणाली, व्यवस्था, प्रबंध
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निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
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नीति
व्यवहार का ढंग, वह आधारभूत सिद्धान्त जिसके अनुसार कोई कार्य संचालित किया जाये; लोकाचार की पद्धति
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परिभोग
बिना अधिकार के परकीय वस्तु का उपभोग
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परिरंभ
गले से गला या छाती से छाती लगाकर मिलना, आलिंगन करना
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परिरंभण
'परिरंभ'
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परिष्वंग
अलिंगन
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प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
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भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
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भविष्य
(काल) वर्तमान काल के उपरांत आने वाला, वह जो प्रस्तुत काल के समाप्त हो जाने पर आने वाला हो
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भुक्ति
भोजन ; भोग , विषयोपभोग , लौकिक आनंद ; चार प्रकार के धर्म- शास्त्रीय प्रमाणों में से एक , कब्जा , अधिकार; ग्रहों का एक-एक राशि में गमन
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भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
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महासुख
शृंगार, सजावट
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मायावती
कामदेव की स्त्री रति का एक नाम
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मिलन
भेट, सङ्गति
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मिलाप
मिलने की क्रिया या भाव
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मेल
मिलाप
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मैथुन
स्त्री के साथ पुरुष का समागम, संभोग, रतिक्रीड़ा, सहवास
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याम
तीन घंटे का समय, पहर
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योग
दो अथवा अधिक पदार्थों का एक में मिलना, संयोग, मिलान, मेल
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यौनानुबंध
खून का संबंध
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रतिदान
संभोग, मैथुन
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रतिसमर
संभाग, मैथुन
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रमण
आनंदोत्पादक क्रिया, विलास, क्रिड़ा, कोलि
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रेवा
नर्मदा नदी
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विलास
हर्ष, आनंद, सुख, मनोरंजन,
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विषय
वह तत्व अथवा पदार्थ जिसका ग्रहण ज्ञानेंद्रियों द्वारा होता हो, जैसे —रूप, रस, गंध, स्पर्श और शब्द जिनका संबंध क्रमशः आँख, जिह्वा, नाक, त्वचा और कान से है
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वेद
प्राचीनतम आर्य धर्म- ग्रन्थ; ऋक्, यजु, साम और अथर्व वेद
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शयन
सुतनाइ
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शास्त्र
हिंदुओं के अनुसार ऋषियों और मुनियों आदि के बनाए हुए वे प्राचीन ग्रंथ जिनमें लोगों के हित के लिए अनेक प्रकार के कर्तव्य बतलाए गए हैं और अनुचित कृत्यों का निषेध किया गया है, वे धार्मिक ग्रंथ जो लोगों के हित और अनुशासन के लिए बनाए गए हैं, विवेचनात्मक ज्ञानविषयक ग्रंथ
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शुभांगी
कुबेर की पत्नी का नाम
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श्रुति
श्रवण करने की क्रिया या भाव, सुनना
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