संभोग के पर्यायवाची शब्द
-
अनुरक्ति
आसक्ति , प्रीति , रति , भक्ति
-
अनुराग
प्रेम,आसक्ति
-
अवसर
समय, काल
-
आमिष
माछ-मांस
-
आस्वाद
स्वाद लेना
-
आहार
भोजन, खाना
-
उत्कोच
कोई कार्य अपने अनुकूल कराने के लिए अनुचित रीति से दिया जाने वाला या लिया जाने वाला द्रव्य आदि, घूस, रिश्वत
-
उपभोग
आनंद या सुख प्राप्त करने के लिए किसी वस्तु का भोग करना या उसे व्यवहार में लाना, किसी वस्तु के व्यवहार का सुख, मज़ा लेना
-
उपवेशन
बैठना
-
कथानक
कथा, कहानी, किस्सा
-
कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
-
केलि
खेल , क्रीड़ा
-
क्रीड़ा
कल्लोल, केलि, आमोद-प्रमोद, खेलकूद
-
गमन
चालि, गति
-
ग्राम्यकर्म
ग्रामवालों का पेशा
-
घटना
कोई बात जो अकस्मात हो जाय ; कोई अद्भुत बात
-
घर्षण
रगड़
-
तलिम
छत, पाटन
-
तल्प
शय्या, पलंभ, सेज
-
निद्रा
प्राणियों की वह शारीरिक अवस्था जिसमें वह विश्राम के निमित्त कुछ समय तक आँखें बंद कर निश्चेष्ट पड़े रहते हैं और उन्हें बाह्य जगत की चेतना नहीं रह जाती , नींद , स्वप्न , सुप्ति
-
निधुवन
स्त्री आदि के साथ पुरुष आदि का समागम, मैथुन
-
नींद
दे. 'नीन'
-
नैवेद्य
देवता के निवेदन के लिए भोज्य द्रव्य, वह भोजन सामग्री जो देवता को चढ़ाई जाय, देवता को समर्पित भोज्य पदार्थ, भोग, प्रसाद, देव-बलि
-
परिभोग
बिना अधिकार के परकीय वस्तु का उपभोग
-
परिरंभ
गले से गला या छाती से छाती लगाकर मिलना, आलिंगन करना
-
परिरंभण
'परिरंभ'
-
परिष्वंग
अलिंगन
-
पर्यंक
पलङ्ग, खाटबाला शय्या
-
पल्यंक
पलंग, खाट
-
प्रसंग
विवेचन विषय अथवा बातचीत का वह पहले वाला अंश जिसके संबंध में अब कुछ और कहा जा रहा हो, विवेच्य विषय का स्वरूप और परंपरा
-
बलि
पशु मारिकें देवताकें चढ़ाएब
-
भक्ति
सेवा, पूजा, श्रद्धा, आस्था, आदर भाव, उपासना, शास्त्र में भक्ति नौ प्रकार की कही गई है यथा- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्म निवेदन
-
भुक्ति
भोजन ; भोग , विषयोपभोग , लौकिक आनंद ; चार प्रकार के धर्म- शास्त्रीय प्रमाणों में से एक , कब्जा , अधिकार; ग्रहों का एक-एक राशि में गमन
-
भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
-
भोगना
बरबस किया जाने वाला कार्य, अनिच्छा पूर्वक, अनिवार्य रूप से किया जाने वाला कार्य
-
भोजन
रसोई
-
महासुख
शृंगार, सजावट
-
मांस
माँस, गोश्त।
-
मायावती
कामदेव की स्त्री रति का एक नाम
-
मेल
दो या अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों के हकट्ठा होने का व्यापार अयवा भाव , मिलने की क्रिया या भाव , संयोग , समागम , मिलाप , मिलान
-
मैथुन
स्त्री के साथ पुरुष का समागम, संभोग, रतिक्रीड़ा, सहवास
-
मोहन
श्रीकृष्ण।
-
याम
तीन घंटे का समय, पहर
-
यौनानुबंध
खून का संबंध
-
रतिक्रिया
मैथुन, संभोग
-
रतिदान
संभोग, मैथुन
-
रतिसमर
संभाग, मैथुन
-
रमण
आनंदोत्पादक क्रिया, विलास, क्रिड़ा, कोलि
-
रह
मार्ग, रास्ता, राह, राह का लघु रूप, जैसे,— रहजनी, रहनुमा आदि
-
रूप
रूपवाला, रूपवान, खूबसूरत
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा