संचय के पर्यायवाची शब्द
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अंत
वह स्थान जहाँ से किसी वस्तु का अंत हो, सामाप्ति, आख़िर, अवसान, इति
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अंबार
किसी वस्तु या अनाज का ऊँचा ढेर, राशि, अटाला, भंडार, समूह
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अनेक
एक से अधिक , बहुत , ज्यादा , असंख्य , अनगिनत
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आकर
वह स्थान जहाँ से धातुओं के अयस्क आदि खोदकर निकाले जाते हैं, खान, उत्पत्तिस्थान
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इतिश्री
समाप्ति, अंत, पूर्णता
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उत्कर
राशि, ढेर
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उपचिति
इकट्ठा करना
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उपसंहार
हरण, परिहार
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एकत्र करना
संचित या एकत्रित करना, बटोरना , संग्रह करना
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ओघ
समूह , ढेर
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कलाप
समूह, झुंड, जैसे,—क्रियाकलाप
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कुल
समस्त सब, कुल गीत्र, कुटुम्ब
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कोटि
करोड़ की संख्या, एक सौ लाख की संख्या; छोटा कोट
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कोश
अंड, अंडा
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गड्डी
एक के ऊपर दूसरी क्रम से रखी हुई वस्तुएँ, तह परतह
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गण
समुदाय , 2. जत्था, झुंड ; कोटि , वर्ग ; दूत ; सेवक , नौकर ; छंदशास्त्र में तीन अक्षरों का समूह
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गिरोह
टोली, दल
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गोष्ठी
वहुत से लोगों का समूह, सभा, मंडली
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ग्राम
बस्ती, गाँव
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चक्र
पहिया , चाका
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चयन
संग्रह संचय
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चुनना
छोटी वस्तुओं को हाथ,चोंच आदि से एक एक करके उठाना , एक एक करके इकट्ठा करना , बीनना , जैसे,—दाना चुनना
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झुंड
हेड़, दल
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टोली
समूह, मण्डली, झुण्ड।
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ढेर
नीचे ऊपर रखी हुई बहुत सी वस्तुओं का समूह जो कुछ ऊपर उठा हुआ हो, राशि, अटाला, अंबार, गंज, टाल, क्रि॰ प्र॰—करना, —लगाना
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ढेरी
दे. ढेर
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थोक
पूरी वस्तु साथ बेचने की क्रिया या भाव; खुदरा का विलोम
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दल
पत्ता, तुलसीदल, निमंत्रण (कथा का)
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निकर
पुञ्ज, समूह, राशि
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निकाय
सङघान, संस्था
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निचय
संचय ; समूह
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नियम
विधि या निश्चय के अनुकूल प्रातिबंध, परिमिति, रोक, पाबंदी, नियंत्रण
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नियमावली
किसी संस्था, सभा आदि के संचालन से संबंधित नियमों की सूची या संग्रह
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निवह
समूह , समुदाय
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परिकर
दे० 'पलंग' ; परिवारी जन; समूह ; तैयारी; कमरबंद ; अर्थालंकार विशेष
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पुंज
समूहित
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पूँज
(पुंज) ढेर, टाल, कटी फसल का ढेर, गांज
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प्रकर
अगरु, अगर नामक गंध द्रव्य
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बटोरना
फैली या बिखरी हुई वस्तुओं समेटकर एक स्थान पर करना, जैसे—गिरे हुए दाने बटोरना, कूड़ा बटोरना
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भंडार
कोशाघर, संचय घर, कोठर,भंडारा
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मंडल
घेरा, वृत्त, परिधि।
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मंडली
समूह, समाज, किसी विशेष कार्य, प्रदर्शन व्यवसाय आदि के लिये बनाया हुआ कुछ लोगों का संगठित दल।
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मिश्रण
दो या अधिक पदार्थों की एक में मिलाने की क्रिया, मेल, मिलावट
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यूथ
जनसमूह , दल ; सेना
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राशि
ढेर, पुश्च
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वात
बातचीत, कथा, गप्प, वारता,वातरोग, गठिया, कमरदर्द, वायुविकारजनित वात रोग, वार्तालाप,चर्चा।
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वार
सप्ताह का कोई दिन, द्वारा, अवरोध, रूकावट, क्षण
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विसर
आगे जाना, गमन करना, जाना
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वृद्धि
बढ़ने या अधिक होने की क्रिया अथवा भाव, बढ़ती, बढ़त, अधिकता
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वेद
प्राचीनतम आर्य धर्म- ग्रन्थ; ऋक्, यजु, साम और अथर्व वेद
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