संतान के पर्यायवाची शब्द
-
अध्याय
ग्रंथ, पुस्तक आदि का खंड या विभाग जिसमें किसी विषय या उसके विशेष अंग का विवेचन हो, ग्रंथविभाग
-
अन्वय
परस्पर, तारतम्य
-
अपत्य
किसी का पुत्र या पुत्री, संतान, औलाद
-
अभिजन
कुल, वंश
-
अर्भक
छोटा, अल्प
-
उत्तराधिकारी
वह व्यक्ति जो किसी की संपत्ति प्राप्त करने का विधितः अधिकारी हो, वह जो किसी के मरने के पीछे उसकी संपत्ति का मालिक हो, वारिस
-
उत्सर्ग
त्याग , छोड़ना
-
उद्गम
वह स्थान आदि जहाँ से किसी वस्तु आदि की व्युत्पत्ति होती है
-
औलाद
संतान, संतति, किसी का पुत्र या पुत्री
-
कुटुंब
परिवार, कुनबा, ख़ानदान
- क़ुदरत
-
कुल
एक ही मूल पुरुष से उत्पन्न सब वंशज अथवा उनकी पीढ़ियों का वर्ग या समूह, खानदान, घराना, वंश, परिवार, वंश , घराना , खानदान
-
कल्पतरु
कल्पवृक्ष, पारिजात, हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित वह वृक्ष जो सारी कामनाओं को पूरा कर देता है
-
कल्पद्रुम
कल्पवृक्ष, कल्पतरु, हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित वह वृक्ष जो सारी कामनाओं को पूरा कर देता है
-
कल्पलता
कल्पवृक्ष
-
कल्पवृक्ष
पुराणानुसार देवलोक का एक वृक्ष जो समुद्र मंथन के समय निकले 14 रत्नों में माना जाता है, इच्छा पूरी करने वाला वृक्ष, काल्पनिक वृक्ष, कल्पतरु, कल्पद्रुम, पारिजात, देवतरु
-
कल्पशाखी
कल्पवृक्ष
-
कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
-
कामतरु
बाँदा जो पेडो पर होता है
- गति
-
गमन
एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने की क्रिया, प्रस्थान, चलना, यात्रा करना
-
गोत्र
संतति , संतान
-
जातक
उत्पन्न, पैदा हुआ, जात
-
जाति
हिंदुओं में मनुष्य समाज का वह विभाग जो पहले पहल कर्मानुसार किया गया था, पर पीछे से स्वभावत: जन्मानुसार हो गया
-
जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
-
जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
-
डिंभ
आडंबर, पाखंड
-
डोर
सूत आदि का बटा हुआ पतला मज़बूत धागा; तागा; डोरा
-
तंतु
तंत्र
-
तंति
गौ, गाय
-
तनय
पुत्र, बेटा, लड़का
- दुलारा
- देवतरु
-
धागा
रुई, रेशम आदि का वह लंबा रूप जो बटने से तैयार होता है, बटा हुआ सूत , डोरा , तागा
- नंदन
-
नैरंतर्य
निरंतरत्व, निरंतर का भाव, अविच्छेद
-
नामलेवा
नाम लेनेवाला, नाम स्मरण करनेवाला
-
निरंतरता
क्रम, गति या प्रवाह का लगातार चलने रहने का भाव, सातत्य, अविरामता
- पुत्र
-
प्यारा
जिसे प्यार करें, जो प्रिय हो, प्रेमपात्र, प्रीतिपात्र, प्रिय
-
प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
-
प्रकरण
उत्पन्न करना , अस्तित्व में लाना
-
प्रजा
किसी राज्य या राष्ट्र की जनता; रिआया; अवाम
- परंपरा
-
प्रवाह
जल, स्रोत, पानी की गति, बहाव
-
प्रसृति
फैलाव, विस्तार
-
प्राणी
प्राणधारी, जिसमें प्राण हों
-
प्रिय
आत्मीय व्यक्ति; पति या प्रेमी
-
परिवार
कोई ढकनेवाली चीज, परिच्छद, आवरण
- पारिजात
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा