सर्ग के पर्यायवाची शब्द
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अंश
भाग, टुकड़ा, खण्ड
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अध्याय
ग्रंथ, पुस्तक आदि का खंड या विभाग जिसमें किसी विषय या उसके विशेष अंग का विवेचन हो, ग्रंथविभाग
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अनिष्टकर
अनिष्ट करने वाला, अहितकारी, हानिकारक, अशुभकारक, जो कल्याण करने वाला न हो
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अनुभाग
किसी विभाग के अंतर्गत कोई छोटा विभाग
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अपत्य
किसी का पुत्र या पुत्री, संतान, औलाद
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आदत
स्वभाव , प्रकृति
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उत्सर्ग
त्याग , छोड़ना
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उद्गम
उत्पत्ति स्थान ; स्थान जहाँ से नदी निकलती है
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औलाद
संतान, बेटा, बेटी, वंशज
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कंधा
मनुष्य के शरीर का वह भाग जो गले और मोढ़े के बीच में है, कंधा
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
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क़ुदरत
वह मूल शक्ति जिसने अनेक रूपात्मक जगत का विकास किया है और जिसका रूप दृष्यों में दिखाई देता है, प्रकृति
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गति
एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्रमश; जाने की क्रिया, निंरतर स्थानत्याग की परंपरा , चाल , गमन , जैसे—वह बड़ी मंद गति से जा रहा है
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गमन
प्रस्थान , खानगी
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जीव
प्राण, प्राणी।
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जीव
जीव
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झुंड
हेड़, दल
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टेव
आदत, बान, अभ्यास।
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डंठल
छोटे पौधों की पेड़ी और शाखा, नरम छाल के झाड़ों और पौधों का धड़ और टहनी, पौधों का वह लंबा भाग जिसमें फूल, फल आदि लगते हैं
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डाल
शौचादि, साधुओं द्वारा व्यवहृत !
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ढव
ढंग युक्ति रीति
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तना
पेड़ का जमीन के ऊपर का मोटा भाग जहाँ से शाखाएँ फूटती हैं
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दुर्घटना
अशुभ घटना, ऐसा व्यापार जिससे हानि या दुःख पहुँचे, ऐसी बात जिसके होने से बहुत कष्ट, पीड़ा या शोक हो, बुरा संयोग
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देह
शरीर, तनु, शरीर का कोई अंग
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निसर्ग
प्रकृति
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प्रकरण
उत्पन्न करना , अस्तित्व में लाना
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रजा
किसी राज्य या राष्ट्र की जनता; रिआया; अवाम
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प्रसृति
फैलाव, विस्तार
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प्राणी
प्राणधारी, जिसमें प्राण हों
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बान
शालि या जड़हन को रोपने के समय उतनी पेड़ियाँ जो एक साथ लेकर एक थान में रोपी जाती हैं , जड़हन के खेत में रोपी हुई धान की जूरी , क्रि॰ प्र॰—बैठाना , —रोपना
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बुरा
खराब
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वंशज
बाँस का चावल या बीज
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विसर्जन
परित्याग, प्रतिमा का बहाया जाना, विदाई, अन्तिम उपचार, समाप्ति
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व्यूह
समूह, जमघट, भीड़
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शरीर
देह, मात्र, कलेवर
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शाखा
पेड़ के धड़ से चारों ओर निकली हुई लकड़ी या छड़ , टहनी , डाल
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संचार
संदेश, समाचार आदि भेजने की क्रिया, सूचनाओं का आदान-प्रदान
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संतति
सन्तान, बाल-बच्चा
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संतान
बाल बच्चे, वंश, औलाद।
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समूह
एक हो तरह की बहुत सी चोजों का ढेर, राशि
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सृष्टि
उत्पत्ति, पैदाइश, बनाने या पैदा होने की क्रिया या भाव
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स्कंध
कंधा, मोढ़ा
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स्कंध
कंधा, मोढ़ा
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स्वधा
(वैदिक मन्त्रमे) पितरलोकनि भोग होउन
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स्वभाव
सदा बना रहने वाला मूल या प्रधान गुण , तासीर , जैसे,—जल का स्वभाव शीतल होता है
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स्वरूप
सुंदर, ख़ूबसूरत
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