शिथिल के पर्यायवाची शब्द
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अकर्मण्य
कुछ काम न करने वाला, बेकाम, निकम्मा, आलसी, निठल्ला, कामचोर
- अकासी
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अल्प
थोड़ा, कम, न्यून, कुछ, किंचित
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अव्यवस्थित
जो व्यवस्थित न हो, व्यवस्थाविहीन, विशृंखल
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अवसन्न
विषादप्राप्त, विषणा, दुखी
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अवसित
रहने वाला, निवासी
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अशक्त
निर्बल, कमज़ोर, शक्तिविहीन
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अस्थिर
जो चंचल न हो, स्थिर
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असंबद्ध
जो संबद्ध या जुड़ा हुआ न हो, पृथक्, बिलगाव, अलग
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असमर्थ
सामर्थ्यहीन, दुर्बल, निर्बल, अक्षम, अपेक्षित शक्ति न रखने वाला, अशक्त
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आतापी
एक असुर
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आतायी
चिल पक्षी
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आलसी
सुस्त, काहिल, धीमा, अकर्मण्य
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आहिस्ता
धीरे से , धीरे धीरे , शनै; शनै: , धीमे से
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उदास
जिसका चित्त किसी पदार्थ से हट गया हो, विरक्त
- कंक
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क्लांत
जो थक गया हो या थका हुआ हो, थका हुआ, श्रांत, शिथिल
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क्लीव
षंढ, नपुंसक, नामर्द
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क्षीण
दुबला, पतला
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काहिल
जो फुर्तीला न हो, आलसी, सुस्ती
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खुला
जिसमें किसी प्रकार की आड़, बाधा या रोक न हो, बंधन रहित , जो बँधा न हो, मुक्त, स्वतंत्र
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गिरहकट
जेब या गाँठ में बँधा हुआ माल काट लेनेवाला
- चिल्ल
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चील
गिद्ध और बाज आदि की जाति की पर उनसे कुछ दुर्बल एक प्रसिद्ध चिडिया , विशेष—यह संसार के प्राय: सभी गरम देशों में पाई जाती है, और कई प्रकार के रंगों की होती है , बहुत तेज उडती है और आसमान में बहुत ऊँचाई पर प्राय: बिना पर हिलाए चक्कर लगाया करती है , यह कीडे मकोडे, चूहे, मछलियाँ, गिरगिट और छोटे छोटे पक्षी खाती है , यह अपने शिकार को देखकर तिरछे उतरती है और बिना ठहरे हुए झपट्टा मारकर उसे लेती हुई आकाश की ओर निकल जाती है , बाजारों में मछली और मांस की दूकानों के आसपास प्राय: बहुत सी चीलै बैठी रहती हैं और रास्ता चलते लोगों के हाथों से झपट्टा मारकर खाद्यपदार्थ ले जाती हैं , यह ऊँचे ऊँचे वृक्षों पर अपना घोसला बनाती है और पूस माघ में तीन चार अंडे दाती है , अपने बच्चों को यह दूसरे पक्षियों के बच्चे लाकर खिलाती है , यह बहुत जोर से ची, ची करती है इसी से इसका नाम चिल या चील पडा है , हिंदू लोग अपने मकानों पर इसका बैठना अशुभ समझते हैं और बैठते ही इसे तुरंत उडा दैतै हैं
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जड़
जिसमें चेतनता न हो, अचेतन
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जेबकतरा
'जेबकट'
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झाँवर
वह नीची भूमि जिसमें वर्षाकाल में जल भर लाता है और जिसमें मोटा अन्न जमता है, डावर
- ढीला
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थका
परिश्रम करते करते अशक्त, श्रांत, श्रमित
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थकित
थका हुआ, श्रांत, शिथिल
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दुर्बल
जिसमें अच्छा बल या शक्ति न हो, कमज़ोर, अशक्त, निर्बल
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धीमा
जिसका वेग या गति मंद हो, जिसकी चाल में बहुत तेज़ी न हो, जो आहिस्ता चले
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धीर
जिसमें धैर्य हो, जो जल्दी घबरा न जाय, दृढ़ और शांत चित्तवाला
- नपुंसक
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नामर्द
जिसमें पुरुष की शक्ति विशेष न हो, नपुंसक, क्लीव
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निकम्मा
जो कोई काम धंधा न करे, जिससे कुछ करते धरते न बने, जैसे, निकम्मा आदमी
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निर्बंध
ईश्वर या परमात्मा (जो बंधनहीन है)
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निर्बल
बलहीन, कमजोर
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निष्क्रिय
जिसमें कोई क्रिया या व्यापार न हो, सब प्रकार की क्रियाओं से रहित, निश्चेष्ट
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निस्तेज
जिसमें आभा या तेज का अभाव हो, तेजरहित, अप्रभ, मलिन
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प्रकीर्ण
दुगँधवाला करंज, पूतिकरंज
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पिल्ल
एक प्रकार का नेत्र रोग
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फुटकर
अयुग्म, विषम, फुट, जिसका जोड़ा न हो, एकाकी, अकैला
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फिसड्डी
प्रतियोगिता,प्रयत्न आदि में सबसे पिछड़ा हुआ
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बिखरा हुआ
इधर-उधर फैला हुआ या छितराया हुआ
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बोदा
जिसकी बुद्धि तीव्र न हो, मूर्ख, गावदी
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मुग्ध
मोह या भ्रम में पड़ा हुआ, मूढ़
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मंथर
बाल का गुच्छा
- मंद
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मंदा
सूर्य की वह संक्रांति जो उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद ओर रोहिणी नक्षत्र में पड़े, ऐसी संक्रांति में संक्रमणानंतर तीन दंड तक पुण्य- काल होता है
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