शुद्ध के पर्यायवाची शब्द
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अकलुष
कलुषता से रहित, निर्मल, शुद्ध, साफ़
- अग्नि
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अच्छा
जो अपने वर्ग में उपकारिता, उपयोगिता, गुण, पूर्णता आदि के विचार से औरों से बढ़कर और फलतः प्रशंसा या स्तुति के योग्य हो, उत्तम, भला, बढ़िया, उम्दा
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अदूषित
जो दूषित या अशुद्ध न हो; शुद्ध
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अदूषित
जिस पर दोष न लगा हो, निर्दोष, शुद्ध
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अनल
अग्नि, आग
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अमल
निर्मल, स्वच्छ
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अमलिन
स्वच्छ, निर्मल, नर्दोष
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आषाढ़
वह चांद्रमास जिसकी पूर्णिमा को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र हो, जेष्ठ मास के पश्चात और श्रावण के पूर्व का महीना, असाढ़, भारतीय महीनों में ज्येष्ठ के बाद का और श्रावण के पहले का महीना जो अंग्रेजी महीने के जून और जुलाई के बीच में आता है
- उचित
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उज्ज्वल
प्रीति, अनुराग, प्यार
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उत्तम
जो गुण, विशेषता आदि में सबसे बढ़कर हो, बेहतर, श्रेष्ठ, सबसे अच्छा, सबसे भला
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उपयुक्त
योग्य, ठीक
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उम्दा
अच्छा, भला, उतम, श्रेष्ठ, बढ़िया
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खरा
तेज , तीखा , चोखा
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ख़ालिस
जिसमें कोई दूसरी वस्तु न मिली हो, मिलावट से रहित, पूरी तरह शुद्ध, विशुद्ध, जैसे—ख़ालिस दूध, ख़ालिस सोना
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चोक्ष
शुद्ध, पवित्र
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चोखा
जिसमें किसी प्रकार का मैल, खोट या मिलावट आदि न हो, जो शुद्ध और उत्तम हो, जैसे,— चोखा घी, चोखा माल
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ज्यों का त्यों
जैते का तैसा, उसी रूप रंग का, तद्रूप, सदृश
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टकसाली
टकसाल का, टकसाल संबंधी
- ठीक
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निर्दिष्ट
जिसका निर्देश हो चुका हो
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निर्दोष
जिसमें कोई दोष न हो, बेऐब, बे दाग
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निर्मल
(वस्तु) जिसमें मल या मलिनता न हो, मलरहित, साफ़, स्वच्छ
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निर्व्यसन
जिसमें बुरी लत न हो, दुर्व्यसन से मुक्त
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निष्कलंक
जिसमें किसी प्रकार का कलंक न हो, निदोंष, बेऐव
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निष्पाप
जो पापी न हो, पापरहित, निर्देष
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पक्का
अनाज या फल जो पुष्ट होकर खाने के योग्य हो गया हो , जो कच्चा न हो , पका हुआ , जैसे, पक्का आम
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पुण्य
पवित्र
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पूत
जो धर्म के अनुसार शुद्ध या महत्व का हो, पवित्र, शुद्ध, शुचि
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पुनीत
पवित्र किया हुआ, पवित्र, पाक
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प्रामाणिक
जो प्रत्यक्ष आदि प्रमाणों द्वारा सिद्ध हो
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पवित्र
मेंह, बारिश, वर्षा
- पावक
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पावन
धार्मिक दृष्टि से वह चीज़ जो पवित्र समझी जाती हो और दूसरों को भी पवित्र करती हो, पवित्र करने वाला, शुद्ध करने वाला
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बढ़िया
जो गण, रचना, रूप-रंग, सामग्री आदि की दृष्टि से उच्च कोटि का हो, उत्तम, अच्छा, उम्दा
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बेदाग़
जिसमें कोई दाग़ या धब्बा न हो, साफ़
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यथातथ्य
जैसा हो; ज्यों-का-त्यों; वैसा ही
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यथार्थ
ठीक, वाजिब, जैसे,— आपका कहना यथार्थ है
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योग्य
किसी काम में लगाए जाने के उपयुक्त, कुछ पाने या लेने के योग्य, ठीक (पात्र), क़ाबिल, लायक़, अधिकारी
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वह्नि
अग्नि
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विमल
जिसमें किसी प्रकार का मल या दोष न हो, निर्मल, मलरहित
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विशुद्ध
जो बिलकुल शुद्ध हो, जिसमें किसी प्रकार की मिलावट आदि न हो
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शृंगार रस
साहित्य के नौ रसों में से सबसे अधिक प्रसिद्ध प्रधान रस
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शुचि
भारतीय महीनों में ज्येष्ठ के बाद का और श्रावण के पहले का महीना जो अंग्रेजी महीने के जून और जुलाई के बीच में आता है
- श्वेत
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सच
जो आदर सम्मान करे, पूजक, अर्चक
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सच्चा
सच बोलनेवाला, जो कभी झृठ न बोलता हो, सत्यवादी, ईमानदार
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सुच्चा
असली (सोना आदि)
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सत्य
जो बात जैसी है, उसके संबंध में वैसा ही (कथन), यथार्थ, ठीक, वास्तविक, सही, यथातथ्य, जैसे,— सत्य बात, सत्य वचन
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