शुक्र के पर्यायवाची शब्द
-
अंगति
अग्निहोत्री
-
अग्नि
जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप
-
अतिथि
घर में आया हुआ अज्ञातपूर्व व्यक्ति, वह जिसके आने का समय निश्चित न हो, बाहर से आने वाला आगंतुक, अभ्यागत, मेहमान, पाहुन, किसी होटल, सराय आदि का ग्राहक
-
अनल
अग्नि, आग
-
अमिताशन
जो सबकुछ खाता हो, सर्वभक्षी
-
अश्वपति
घुड़सवार
-
आग
अग्नि, ताप, गरमी, धूप
-
आदिदेव
परमेश्वर , नारायण , विष्णु
-
उशाना
अभिलाषा, इच्छा; सोमलता; रुद्र की एक पत्नी का नाम
-
एकाक्ष
कनाह
-
और्व
भृगुवंशीय ऋषि
-
कवि
वह व्यक्ति जो कविता अथवा काव्य की रचना करता हो , रचनाकार
-
कविपुत्र
शुक्राचार्य की एक उपाधि
-
कारण
हेतु, निमित्त जड़ आदि-कर्म काम
-
काव्य
कवि की विशेषताओं से युक्त
-
कुंत
भाला , बर्ची
-
कुतप
दिन का आठवाँ मुहूर्त जो दोपहर का होता है; श्राद्ध की आवश्यक वस्तुएँ; बाजा विशेष ; बकरी के बाल का कंबल ; सूर्य ; अग्नि ; ब्राह्मण , ८. अतिथि , ९. भांजा
-
कृशानु
अग्नि, आग
-
केतु
केवड़ा
-
खनिज पदार्थ
वह वस्तु जो खान में से खोदकर निकाली जाती है
-
गुरु
अध्यापक, आचार्य, धर्मगुरु
-
चंद्र
चंद्रमा, चाँद
-
चित्रभानु
अग्नि
-
चेत
सतर्क चेतना, ज्ञान, चितवृत्ति, सावधान, ठगा जाना
-
जंभारि
इंद्र
-
जन्यु
अग्नि
-
जल्ह
जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप
-
जातवेद
अग्नि
-
जीवन
वृत्ति जीविका, प्राणप्या परमप्रिय, प्राणा धारण, जिन्दगी
-
जेठ
बड़ा, जो पहले जन्मा हो
-
जेठा
अवस्था या वय में औरों से बड़ा, अग्रज, बड़ा
-
ज्येष्ठ
बड़ा , श्रेष्ठ
-
ज्वाला
ताप, घाह, झरक
-
तपन
सूर्य ग्रीष्मकाल, जलन, दाह, ताप, ऑच, धूप
-
तेज
दीप्ति , कांति , चमक , दमक , आभा
-
तेजस्
देखिए : 'तेज'
-
दवा
ऐसी वस्तु जिसके उपयोग करने से कोई रोग या कष्ट दूर हो, औषध; रोग आदि दूर करने का उपाय, उपचार, इलाज; किसी को ठीक या दुरूस्त करने के लिए किया गया उपाय
-
दहन
जलने की क्रिया या भाव, भस्म होने या करने की क्रिया, दाह, जैसे— लंकादहन
-
दाना
अनाज का एक बीज, अन्न का एक कण, कन
-
दीप्ति
प्रकाश, चमक
-
धनंजय
धन को जीतने अर्थात् प्राप्त करने वाला
-
धातु
रक्त, रस, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र ये सात शरीरस्थ पदार्थ; वात,पित, कफ, वीर्य, शब्द आदि आकाश के गुण
-
धूमधर
अग्नि, आग
-
नचिकेता
(पुराण) वाजश्रवा ऋषि का पुत्र जिसने मृत्युदेव (यम) से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया था
-
नवग्रह
चन्द्रमा, राहु आ केतु सहित सूर्यक छओ मुख्य उपग्रह
-
पवि
वज्र
-
पांचजन्य
कृष्ण का शंख
-
पाथ
थापना, कुम्हार का कच्चा घड़ा को पीटने की क्रिया
-
पावक
अग्नि , आग , तेज , ताप
-
पावन
शुद्ध करने वाला, पवित्र करने वाला, शुद्ध, पवित्र, लोबान
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा