शून्य के पर्यायवाची शब्द
-
अंतरपुरुष
अंतःकरण में स्थित जीव को प्रेरित करने वाला ईश्वर
-
अंतरिक्ष
पृथ्वी और सूर्या आदि लोकों के बीच का स्थान, पृथ्वी और अन्य ग्रहों के चारों ओर का स्थान, कोई दो ग्रहों या तारों के बीच का शून्य स्थान, आकाश, अधर, रोदसी, शून्य
-
अंतर्ज्योति
धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है, अंतर्यामी, परमेश्वर
-
अंतर्यामी
ईश्वर, परमात्मा, चैतन्य, पर्मश्वर, पुरुष
-
अंबर
खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश, आसमान
-
अकाय
जो बिना शरीर या काया के हो, कायारहित, बिना शरीरवाला, देहरहित
-
अकारण
बिना कारण का, हेतुरहित, बिना वजह का
-
अक्षय
जिसका क्षय न हो, अनश्वर, सदा बना रहने वाला, कभी न चुकने वाला
-
अक्षर
अकारादि वर्ण, हर्फ़, मनुष्य के मुख से निकली हूई ध्वनि को सूचित करने का संकेत या चिह्न
-
अगम
जहाँ कोई जा न सके, न जाने योग्य, पहुँच के बाहर, दुर्गम, अवघट
-
अगाध
अथाह, असीम, बहुत गहरा, गभीर
-
अगुण
जिसमें गुण न हो. 2. निर्गुण
-
अगोचर
जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके, इन्द्रियातीत,
-
अच्युत
विष्णु और उनके अवतारों का नाम
-
अच्युतानंद
आनंदस्वरुप परमात्मा, ईश्वर
-
अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
-
अजन्मा
जन्म-रहित , जिसका जन्म न हुआ हो , अनादि , नित्य , अविनाशी
-
अजर
निर्जर, देवता
-
अज्ञय
जो समझ में न आये, ज्ञानातीत, जिसको जाना न जा सके
-
अतीत
संगीत में वह स्थान जो सम से दो मात्राओं के उपरांत आता है, यह स्थान कभी-कभी सम का काम देता है
-
अदृश्य
जो दिखाई न दे, परोक्ष, अलख, लुप्त, ग़ायब, अंतर्धान, अलोप, ओझल
-
अद्वैत
एकाकी , अकेला
-
अधिष्ठाता
अध्यक्ष , प्रधान नियंता
-
अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
-
अनादि
जिसका आदि न हो, आदि रहित, जिसका आदि या आरंभ न हो
-
अनुस्वार
स्वर के बाद उच्चरित होनेवाला एक अनुनासिक वर्ण जिसका चिन्ह (ं) है, निगृहीत इसे आश्रय स्थानभागी भी कहते हैं क्योंकि जिस स्वर के बाद यह लगेगा उसी तरह से इसका उच्चारण होगा
-
अनूठा
अपूर्व, अनोखा, विचित्र, विलक्षण, अद्भुत, जो विशेष लक्षण से युक्त हो
-
अपरलोक
शरीर छोड़ने पर आत्मा को प्राप्त होने वाला लोक, अन्य या दूसरा लोक, परलोक, स्वर्ग
-
अब्द
दास, सेवक, गुलाम, अनुचर, भक्त
-
अभ्र
मेघ , बादल
-
अमरलोक
देवलोक , स्वर्ग
-
अमरावती
देवताओं की पुरी, इंद्रपुरी, सुरपुरी
-
अमृतलोक
स्वर्ग, अमरलोक, हिंदुओं के अनुसार सात लोकों में से वह जिसमें पुण्य और सत्कर्म करने वालों की आत्माएँ जाकर निवास करती हैं
-
अम्र
आम्र
-
अयोनि
जो योनि से उत्पन्न न हुआ हो , अजन्मा
-
अर्णव
समुद्र
-
अर्थहीन
निर्धन
-
अर्श
पापयुक्त, दुर्भाग्य लानेवाला
-
अलख
जो दिखाई न पड़े, जो नज़र न आए, अदृश्य, अप्रत्यक्ष
-
अवकाश
स्थान , जगह
-
अवरोह
खींचना , अंकित करना , चित्रित करना
-
अविद्यमान
जो विद्यमान या उपस्थित न हो, अनुप स्थिति
-
अव्यक्त
जो स्पष्ट न हो, अप्रत्यक्ष, अगोचर
-
अव्यय
कारकसम्बन्धरहित शब्द, जेना अहा, आओर इत्यादि
-
अस्तित्वहीन
जिसकी कोई सत्ता या अवस्थिति न हो
-
आकाश
आसमान , अन्तरिक्ष , गगन , पाँच तत्त्वों में से एक तत्त्व
-
आत्मभू
स्वतः उत्पन्न होने वाला
-
आत्मा
प्राणीक चेतन तत्त्व, स्व
-
आदि
प्रथम , पूर्व , आरंभिक
-
आदि पुरुष
परमेश्वर, ईश्वर, विष्णु
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा